Business Idea: चार गुना मुनाफा देने वाली फसल! इसकी खेती करके बदल जायेगी किसानो की किस्मत, भारत में सूखे मेवों की हमेशा मांग रहती है. उसी तरह मखाने की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है. पानी में उगने वाले फूल और पत्तियों जैसा दिखने वाला मखाना की खेती करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. सालाना 4-5 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से की जा सकती है.
Business Idea: खेती करके बदलें अपनी किस्मत (Change Your Destiny Through Farming)
अगर आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं या फिर नौकरी छूट गई है. ऐसी स्थिति में आप बिजनेस की तरफ रुख कर सकते हैं. आज हम आपको ऐसा ही बिजनेस आइडिया दे रहे हैं. जिसकी बाजार में बहुत डिमांड है. ये ऐसा प्रोडक्ट है जिसे सर्दी, गर्मी और बरसात हर मौसम में खाया जाता है. इसके अलावा बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी इसे चाव से खाते हैं. इतना ही नहीं गांव से लेकर शहर तक इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है. हम बात कर रहे हैं मखाने की खेती की. देश में सबसे ज्यादा मखाने की खेती बिहार के कुछ जिलों में होती है.
Business Idea: बिहार सरकार दे रही है सब्सिडी (Bihar Government Providing Subsidy)
बिहार में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नीतीश सरकार ने मखाना विकास योजना शुरू की है. इस योजना के तहत किसानों को 72,750 रुपये तक का सब्सिडी दिया जाता है. पूरे देश में करीब 15 हजार हेक्टेयर में मखाने की खेती की जाती है. इसकी 80-90 फीसदी पैदावार सिर्फ बिहार में ही होती है.
Business Idea: कहां मिलती है सब्सिडी (Where to Get Subsidy)
मखाना खाने में स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. इसी वजह से इसे सुपरफूड कहा जाता है. दुनियाभर में जितना मखाना पैदा होता है, उसका करीब 80-90 फीसदी सिर्फ भारत में ही होता है. बिहार के 8 जिलों में सबसे ज्यादा मखाना का उत्पादन होता है. इसमें कटिहार, दरभंगा, सुपौल, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा, अररिया, पश्चिम चंपारण जिलों के किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. ये सभी जिले मिथिला क्षेत्र में आते हैं. एक हेक्टेयर में मखाना की खेती करने में 97,000 रुपये का खर्च आता है. इस पर किसानों को अधिकतम 72,750 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी पाने के लिए इन 8 जिलों के किसानों को आवेदन करना होगा.
Business Idea: बीज की कोई टेंशन नहीं (No Tension About Seeds)
इसके बीज (makhana seeds) खरीदने में ज्यादा खर्च नहीं आता है, क्योंकि पिछली फसल से बचे हुए बीजों से ही नए पौधे उग आते हैं. इसकी खेती में जो पैसा खर्च करना होता है, वो खासकर मजदूरों पर होता है. ये सबसे बड़ा खर्च होता है. इसमें पानी के ऊपर उगे हुए फसल को निकालना होता है. फिर फसल के दाने को पहले भूना जाता है. फिर इसे फोड़कर निकाला जाता है. इसके बाद इसे धूप में सुखाया जाता है. तब जाकर इसकी फसल पूरी तरह से तैयार मानी जाती है. इस काम में मेहनत ज्यादा लगती है और ये काम एक-दो किसानों के लिए बोझिल हो जाता है. इसलिए मजदूरों की मदद लेनी पड़ती है. जिसमें काफी पैसा खर्च हो जाता है. हालांकि, बाजार में इसकी डिमांड को देखते हुए किसान मखाना बेचकर कई गुना ज्यादा मुनाफा कमा लेते हैं.
Business Idea: कितनी होगी मखाने से आमदनी? (How Much Income from Makhana?)
मखाने की खेती तालाब में भी की जा सकती है इससे साल में करीब 3 से 4 लाख रुपये की कमाई (makhana profit) हो जाती है। बड़ी बात यह है कि मखाना निकालने के बाद स्थानीय बाजारों में इसके कंद और डंठल की भी भारी मांग होती है, जिसे किसान बेचकर पैसा कमाते हैं। अब किसान मछली पालन करने से ज्यादा मखाना से कमाई कर रहे हैं। कच्चे फल की मांग को देखते हुए किसानों को कहीं भटकना नहीं होता है, बल्कि बाजार में यह आसानी से बिक जाता है।