ननकाना साहिब को भारत में मिलाने की माँग तेज़ SDM को सौंपा ज्ञापन

शुक्रवार को कुछ प्रमुख अधिवक्ताओं ने एक ज्ञापन SDM को सौंपा, जिसमें मांग की गई कि पाकिस्तान में स्थित ननकाना साहिब को भारत में शामिल किया जाए। यह स्थान सिखों के पहले गुरु, श्री गुरु नानक देव जी का जन्मस्थान है।
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ननकाना साहिब का ऐतिहासिक महत्व
ननकाना साहिब सिख धर्म का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है, जैसे अयोध्या में राम जन्मभूमि हिंदुओं के लिए और मक्का-मदीना मुस्लिम समुदाय के लिए है। इसी तरह, सिख समाज के लिए ननकाना साहिब आस्था का केंद्र है।
विभाजन के समय हुआ बंटवारा
1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान ननकाना साहिब पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। यह स्थान भारत से महज़ 10 किलोमीटर की दूरी पर है। सिख समुदाय तभी से इसकी वापसी की माँग करता रहा है।
डॉ. हरप्रीत खुराना की अगुवाई में आवाज़ बुलंद
डॉ. हरप्रीत खुराना ने कहा कि ननकाना साहिब की भारत वापसी सिखों की धार्मिक भावना से जुड़ा मुद्दा है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि यह सिर्फ ज़मीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि करोड़ों सिखों की श्रद्धा का प्रतीक है।
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कौन-कौन थे ज्ञापन सौंपने वाले?
इस माँग के समर्थन में ज्ञापन देने वालों में डॉ. हरप्रीत खुराना के साथ अधिवक्ता नरेंद्र बेले, करन साहू, दीपक उकांडे, प्रमोद कोसे और दिलीप सहित कई अन्य लोग शामिल थे।