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चार महीने में बदले तीन सचिव, फिर भी नहीं बदली मंडी की हालत, किसानो की मजबूरी

बीते चार महीनों से कृषी उपज मंडी बैतूल में सचिव बदलने का सिलसिला लगातार जारी है, मगर व्यवस्था में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा। हाल ही में मंडी सचिव को सस्पेंड कर दिया गया था और भैंसदेही मंडी सचिव को बैतूल मंडी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। अब उन्हें भी हटा दिया गया है और नई जिम्मेदारी दिये जाने का आदेश आ चुका है। अब सिवनी बनापुरा (नर्मदापुरम) के मंडी सचिव दिनेश लोखंडे को बैतूल कृषी उपज मंडी का नया सचिव बनाया गया है। सबकी नजर अब दिनेश लोखंडे पर टिकी है कि क्या वे मंडी की हालत सुधार पाएंगे।

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चार महीने में बदले तीन सचिव, नहीं बदली हालत

पिछले चार महीनों में एक स्थाई और दो प्रभारी सचिव बदले गए, लेकिन मंडी की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। जनवरी में सचिव शीला खतर्कर को हटाकर मुलताई मंडी भेजा गया। फिर कृष्णराव आहके को प्रभारी सचिव बनाया गया, मगर वे भी ज्यादा दिन टिक नहीं पाए। इसके बाद सूरज उइके को जिम्मेदारी दी गई, पर मंडी में अव्यवस्थाएं जस की तस बनी रहीं। अब नई उम्मीद दिनेश लोखंडे से है।

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किसानों की परेशानी और व्यापारियों का दबदबा

कृषी उपज मंडी बैतूल में किसानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही। किसानों से तौल के नाम पर पैसे वसूलना, मंडी में माल रखने के लिए जगह ना मिलना, समय पर भुगतान न होना जैसी परेशानियां जारी हैं। व्यापारी मंडी के शेड में अपना अनाज रखकर किसानों के लिए जगह खत्म कर देते हैं। बारिश हो या धूप, किसान मजबूरन अपना माल बाहर रखने को मजबूर हैं। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के निर्देश भी व्यापारियों पर असर नहीं डाल पा रहे हैं।

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