बाहर वालों पर मेहरबानी, लोकल वालों पर सख्ती,चोपना की रेत खदानों में खुला खेल

हर दिन सैकड़ों ओवरलोड डंपर चोपना क्षेत्र की हीरानगट्टा और आमडोह रेत खदानों से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की ओर रवाना हो रहे हैं। ये डंपर 1000 से लेकर 1600 फिट तक रेत भरकर ले जा रहे हैं, जो कि साफ तौर पर ओवरलोडिंग की कैटेगरी में आता है। हैरानी की बात ये है कि ये सभी डंपर सीधे खदान से ही ओवरलोड निकल रहे हैं, लेकिन विभाग आंखें मूंदे बैठा है।
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सूत्रों की मानें तो ज्यादातर डंपर महाराष्ट्र से आते हैं और रोजाना 200 से ज्यादा डंपर ओवरलोड रेत लेकर निकल रहे हैं। ये वाहन तय क्षमता से कहीं ज्यादा रेत ढो रहे हैं, जिससे सड़कों पर भारी बोझ पड़ रहा है और नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं।
स्थानीय डंपर चालकों का कहना है कि वे नियमों के तहत रॉयल्टी कटवाकर सही तरीके से रेत ढो रहे हैं, फिर भी उन पर रोजाना कार्रवाई हो रही है। वहीं बाहर से आए डंपरों को पूरी छूट मिल रही है। उनका कहना है कि अगर कार्रवाई करनी है तो खदान से ही शुरू होनी चाहिए, जहां से ओवरलोडिंग हो रही है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा, उल्टा स्थानीय चालकों को ही टारगेट किया जा रहा है।
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लोगों का आरोप है कि इस पूरी गड़बड़ी में बाहरी ठेकेदारों की मिलीभगत है, जो नियमों की धज्जियां उड़ाकर धड़ल्ले से अवैध रूप से रेत का परिवहन कर रहे हैं। जांच के नाम पर सिर्फ लोकल डंपरों को रोका जा रहा है, जिससे सवाल उठता है – क्या खनिज विभाग बाहरी प्रभावशाली ठेकेदारों को बचा रहा है?