भारत के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने ग्राहकों के लिए न्यूनतम बैलेंस नियम में बड़े बदलाव किए हैं। यह नियम खाते में जरूरी न्यूनतम राशि बनाए रखने से जुड़ा है, जिसे लेकर ग्राहकों में अक्सर उलझन रहती थी। आइए जानते हैं कि SBI का यह नया नियम कैसे ग्राहकों को फायदा पहुंचाएगा।
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न्यूनतम बैलेंस में कमी
SBI ने नए नियम के तहत न्यूनतम बैलेंस की सीमा को कम कर दिया है। अब शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों को ₹3,000, अर्ध-शहरी में ₹2,000 और ग्रामीण इलाकों में ₹1,000 न्यूनतम बैलेंस रखना होगा। पहले यह सीमा काफी अधिक थी, जिससे ग्राहकों को परेशानी होती थी।
पेनाल्टी शुल्क में भी राहत
अगर ग्राहक न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पाते हैं, तो अब पेनाल्टी शुल्क भी कम लिया जाएगा। पहले यह शुल्क ₹5 से ₹15 तक प्रति माह था, जिसे घटाकर अब ₹2 से ₹10 कर दिया गया है। यह कदम निम्न आय वर्ग और ग्रामीण ग्राहकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
डिजिटल बैंकिंग को प्रोत्साहन
SBI ने डिजिटल बैंकिंग के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई सेवाओं पर अतिरिक्त शुल्क हटा दिया है। ऑनलाइन लेनदेन, मोबाइल बैंकिंग और UPI जैसी सुविधाओं पर अब कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगेगा।
ग्राहकों को क्या मिलेगा फायदा?
यह बदलाव उन लाखों ग्राहकों के लिए राहत भरा है जो न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने में असमर्थ थे। खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों के ग्राहक अब बिना आर्थिक दबाव के बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
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SBI का लक्ष्य सभी को बैंकिंग से जोड़ना
SBI का यह कदम समावेशी बैंकिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। बैंक का उद्देश्य देश के हर नागरिक को बैंकिंग सिस्टम से जोड़कर उन्हें सुविधाजनक और सस्ती सेवाएं प्रदान करना है। अधिक जानकारी के लिए ग्राहक SBI की ऑफिशियल वेबसाइट या नजदीकी शाखा से संपर्क कर सकते हैं।