सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को और ज्यादा किसानों तक पहुंचाने की तैयारी में है। खबर है कि अब इसमें भूमि किराए पर लेकर खेती करने वाले किसान, पशुपालन करने वाले और जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) है, उन्हें भी शामिल किया जा सकता है। इससे करोड़ों किसानों को फायदा मिलेगा और बीमा योजना का दायरा भी बढ़ेगा।
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40% किसान भूमिहीन हैं
कृषि मंत्रालय के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि अगले सीजन से राज्य सरकारों के साथ एस्क्रो अकाउंट खोले जाएंगे, जिससे मुआवजा समय पर किसानों तक पहुंचे। देश में कुल 14 करोड़ किसानों में से सिर्फ 4.1 करोड़ ही अभी इस योजना से जुड़े हैं, जबकि 40% क्षेत्रफल ही कवर हो पाया है।
मुआवजा मिलेगा तय समय पर?
सरकार चाहती है कि पीएम किसान की तरह मुआवजे की तारीखें तय की जाएं। अभी राज्यों की देरी की वजह से किसानों को समय पर पैसा नहीं मिल पाता। पिछले 9 सालों में राज्यों पर ₹4,440 करोड़ का बकाया है।
कैसे मिलता है बीमा का पैसा?
बीमा प्रीमियम का बंटवारा:
- किसान: 12%
- राज्य सरकार: 48%
- केंद्र सरकार: 40%
किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसानों को जमीन मालिक की मंजूरी से योजना में शामिल किया जाएगा, इसके लिए डिजिटल आईडी डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा।
किन राज्यों में योजना चालू है?
राजस्थान, एमपी और महाराष्ट्र इस योजना में सबसे आगे हैं। वहीं, यूपी, ओडिशा और कर्नाटक पीछे हैं।
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वन्यजीवों से नुकसान पर भी बीमा!
अब सरकार जंगली जानवरों से फसल को हुए नुकसान को भी योजना में कवर करने की तैयारी कर रही है। योजना के तहत अभी तक ₹1.78 लाख करोड़ किसानों को मुआवजे के रूप में मिल चुका है, जबकि किसानों ने कुल मिलाकर सिर्फ ₹35,466 करोड़ प्रीमियम दिया है।
योजना का मकसद बुआई से लेकर कटाई तक फसल को सुरक्षा देना है। किसानों को बस रबी में 1.5%, खरीफ में 2% और नकदी फसलों पर 5% प्रीमियम देना होता है, बाकी सरकारें देती हैं।