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जैविक खेती को बढ़ावा देने सरकार देगी प्रति हेक्टेयर ₹31,000, इन किसानो का भर गया फार्म, आप भी करे यहाँ से

भारत सरकार किसानों की मदद के लिए कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY), जो जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए साल 2015 में शुरू की गई थी। यह योजना नेशनल सस्टेनेबल एग्रीकल्चर मिशन (NMSA) के तहत सॉइल हेल्थ मैनेजमेंट (SHM) का हिस्सा है।

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प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग

इस योजना के तहत किसानों को ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों जैसे गोबर, गोमूत्र, जैविक खाद वगैरह के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि रासायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल कम हो।

क्लस्टर आधारित खेती

PKVY योजना में 50 या उससे ज्यादा किसानों का समूह बनाकर 20 से 50 एकड़ जमीन पर जैविक खेती की जाती है। इससे एकजुटता के साथ खेती का फायदा मिलता है।

जैविक सर्टिफिकेशन को बढ़ावा

सरकार PGS-India (Participatory Guarantee System) के ज़रिए स्थानीय स्तर पर जैविक प्रमाणन को बढ़ावा देती है, जिसमें विश्वास और भागीदारी अहम भूमिका निभाते हैं।

मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने पर ज़ोर

योजना के तहत मिट्टी की सेहत सुधारने, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, और जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने पर ध्यान दिया जाता है।

कितनी आर्थिक सहायता मिलती है?

सरकार किसानों को तीन साल तक प्रति हेक्टेयर ₹31,000 तक की मदद देती है जैविक खेती शुरू करने के लिए।

केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी

इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 60:40 के अनुपात में फंड देती हैं। हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों में यह अनुपात 90:10 है और केंद्र शासित प्रदेशों में 100% मदद केंद्र सरकार देती है।

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कितने किसान जुड़े हैं?

अब तक करीब 8.89 लाख किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं और 315 क्षेत्रीय परिषदें इसमें काम कर रही हैं।

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