हेल्दी खाने के लिए लोग हो रहे बेताब, डिमांडिंग दुनिया में कर डालो ये सुपर बिजनेस, देखो कमाल

आजकल लोग स्वाद के साथ-साथ सेहत का भी खूब ध्यान रखने लगे हैं। ऐसे में हेल्दी स्नैक्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इन्हीं में से एक है मखाना यानी फॉक्स नट्स। हल्का, कुरकुरा और पौष्टिक मखाना अब हर घर की रसोई में जगह बना चुका है। खासकर बिहार जैसे राज्यों में उगाया जाने वाला मखाना अब केवल परंपरागत फसल नहीं रहा, बल्कि एक शानदार बिजनेस का जरिया भी बन गया है। बढ़ती घरेलू और विदेशी मांग ने इसे किसानों के लिए कमाई का सुनहरा मौका बना दिया है।
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अगर आप भी खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं या हेल्दी फूड इंडस्ट्री में कदम रखने की सोच रहे हैं, तो मखाना की खेती आपके लिए एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
मखाना की बढ़ती मांग
मखाना प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है। शाकाहारी और ग्लूटेन-फ्री डाइट वालों में इसकी खूब डिमांड है। भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक देश है और अब तो इंटरनेशनल मार्केट में भी इसकी धूम है।
मखाना की खेती कहां होती है?
मखाना तालाबों, झीलों और गीली जमीन में उगाया जाता है। इसके लिए 20-35 डिग्री सेल्सियस तापमान और चिकनी मिट्टी चाहिए जिसमें पानी रुका रहे।
मखाना की खेती कैसे शुरू करें?
- जमीन और पानी का इंतजाम करें: ऐसा इलाका चुनें जहाँ सालभर पानी रहे, गहराई 1.5 से 2.5 फीट हो।
- अच्छे बीज लें: अप्रैल से जून के बीच बीज बोएं और पौधों में सही दूरी रखें।
- देखभाल करें: खरपतवार हटाएं, पानी साफ रखें और प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करें। पूरा चक्र 6 महीने का होता है।
फसल की कटाई और प्रोसेसिंग
सितंबर से नवंबर के बीच मखाना तैयार हो जाता है। बीजों को हाथ से निकाला जाता है, धूप में सुखाया जाता है और फिर भूनकर बेचा जाता है। भूनाई से ही स्वाद और क्वालिटी आती है।
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खर्चा और मुनाफा
मखाना खेती में ज्यादा खर्च नहीं आता। एक एकड़ से 15-20 क्विंटल मखाना निकल सकता है, जिसे प्रोसेस करके महंगे दामों में बेचा जा सकता है। सही तरीके से खेती करने पर अच्छी कमाई हो सकती है।