गर्मी आते ही तरबूज़ की मांग बाजार में आसमान छूने लगती है। ठंडक देने वाला ये फल ना सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। यही वजह है कि अब किसान तेजी से इसकी खेती की ओर बढ़ रहे हैं।
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कम लागत, ज़्यादा मुनाफा
तरबूज़ की खेती में लागत बहुत कम आती है। एक एकड़ ज़मीन पर करीब ₹15,000 से ₹20,000 तक खर्च आता है। वहीं पैदावार 25 से 30 टन तक हो सकती है। अगर बाजार से सीधे जुड़ जाएं, तो किसान आराम से ₹1.5 से ₹2 लाख तक कमा सकते हैं।
कब और कहां करें खेती?
तरबूज़ की खेती गर्म और सूखे मौसम में बेहतर होती है। बलुई दोमट मिट्टी में इसकी फसल खूब फलती है। खेत में पानी निकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। बुवाई का सही समय फरवरी से मार्च के बीच होता है।
बीज का चुनाव और बोवाई
अच्छी किस्म के बीजों का चुनाव ज़रूरी है। बीजों को 2 से 3 फीट की दूरी पर बोना चाहिए। इससे पौधों को फैलने और फलने का पूरा मौका मिलता है।
सिंचाई और देखभाल
पौधों को समय-समय पर पानी देना ज़रूरी है, खासकर जब फल बनने लगे। साथ ही खरपतवार हटाना और कीटों से बचाव करना भी जरूरी है।
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सरकारी मदद और सफलता की कहानी
कई राज्य सरकारें तरबूज़ की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और ट्रेनिंग देती हैं। यूपी, बिहार, एमपी और राजस्थान के कई किसान पारंपरिक खेती छोड़कर तरबूज़ उगाकर लाखों की कमाई कर रहे हैं।