सरकार ने गंभीर मरीजों को जल्दी इलाज दिलाने के लिए एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की थी। शुरुआत में अगस्त 2024 में एक मरीज को जिला अस्पताल से एयरलिफ्ट कर भोपाल के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उस वक्त लोगों में खुशी की लहर थी कि अब गंभीर मरीजों को फटाफट इलाज मिलेगा। लेकिन इसके बाद से आज तक कोई और मरीज इस सेवा का फायदा नहीं उठा पाया। अब तो हालात ये हैं कि एयर एम्बुलेंस सेवा सिर्फ कागजों में ही जिंदा है।
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गंभीर मरीजों को सड़क से भेजा जा रहा भोपाल
बेतुल से भोपाल की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। एयर एम्बुलेंस सेवा न होने की वजह से गंभीर मरीजों को सड़क के रास्ते एम्बुलेंस से भेजा जा रहा है। रास्ते में घंटों लग जाते हैं और कई बार तो मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। अगर गरीबों को समय पर एयर एम्बुलेंस मिलती तो उनकी जान बच सकती थी, लेकिन अब भी लोग मजबूरी में निजी साधनों से भोपाल जा रहे हैं।
मेंटेनेंस के बहाने 3-4 महीने तक सेवा बंद रही
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, एयर एम्बुलेंस सेवा जिस कंपनी को दी गई थी, उसने तीन-चार महीने तक मेंटेनेंस के नाम पर सेवा बंद रखी। अब कहा जा रहा है कि मेंटेनेंस पूरा हो गया है, फिर भी सेवा शुरू होते नहीं दिख रही। अधिकारी भी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे।
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अधिकारी का कहना है…
“मेंटेनेंस के कारण सेवा कुछ महीने बंद रही थी। अब शुरू हो गई है। जब भी कोई गंभीर मरीज भर्ती होगा, उसे एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ देने की कोशिश की जाएगी।”
– डॉ. नितेश चौकीकर, प्रभारी, एयर एम्बुलेंस सेवा, बेतुल