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सब्जियों का राजा बन रहा इस राज्य की शान,ताबड़तोड़ हो रहा उत्पादन,लाखो किसानो को फायदा

आलू, भाई साहब, ऐसी सब्जी है जो दुनिया के हर कोने में मिलती है। इसको उबालो, तलो, भूनो या मसल के खाओ, हर तरह से ये काम आता है। बिना आलू के तो सब्जी और रसोई की कल्पना भी नहीं की जा सकती। चिप्स, पापड़ और नमकीन के रूप में भी इसका जलवा है। और तो और, इससे तो वोदका और इथेनॉल भी बनता है! दूसरे सब्जियों के मुकाबले सस्ता और पूरे साल मिलने वाला होने के कारण इसकी बात ही अलग है। इन्हीं सब गुणों के चलते आलू को सब्जियों का राजा कहते हैं। अब योगी सरकार इस राजा की शान और बढ़ाने की तैयारी में है। आगरा में इंटरनेशनल आलू रिसर्च सेंटर और सहारनपुर और कुशीनगर में खुलने वाले एक्सीलेंस सेंटर इसके लिए हथियार बनेंगे।

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यूपी है आलू पैदा करने में नंबर वन!

उत्तर प्रदेश तो आलू पैदा करने में पूरे देश में नंबर वन है। देश में जितना आलू होता है, उसका एक तिहाई से ज्यादा (लगभग 35 फीसदी) तो यूपी में ही होता है। यहाँ तो पैदावार भी बाकी देश के मुकाबले ज्यादा है, करीब 23 से 25 टन प्रति हेक्टेयर। अभी तो और भी पैदावार बढ़ने की उम्मीद है। बस दिक्कत ये है कि अपने प्रदेश के मौसम के हिसाब से आलू पर ज्यादा खोज और नया तरीका नहीं आ पाया है, और जो थोड़ा बहुत हुआ भी है वो किसानों तक ठीक से नहीं पहुँच पाया है।

आगरा के लाखों किसानों को होगा फायदा

आपको बता दें कि जो नेशनल आलू रिसर्च सेंटर है, वो तो शिमला (हिमाचल) में है। उसके बस दो ही छोटे सेंटर हैं, एक मेरठ में और एक पटना में। इसलिए वहाँ जो भी खोज होती है, वो खेत तक पहुँचने में दिक्कत करती है और टाइम भी लगता है। बीज की भी हमेशा किल्लत रहती है। इसलिए किसान हर साल वही आलू बोने को मजबूर हो जाता है जो उसने कोल्ड स्टोरेज में रखा होता है। योगी सरकार अब किसानों की इस परेशानी का पक्का इलाज करने वाली है।

आगरा में इंटरनेशनल आलू रिसर्च इंस्टीट्यूट पेरू (लीमा) का एक ब्रांच खुलने वाला है। इसके आसपास के जिलों में सबसे ज्यादा आलू पैदा होता है। यहाँ जो भी रिसर्च और नया तरीका आएगा, उससे यहाँ के लाखों आलू किसानों को बहुत फायदा होगा।

आधे दर्जन जिलों में होता है 75 फीसदी आलू!

प्रदेश का 75 फीसदी आलू तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के करीब छह जिलों में ही पैदा होता है। ये जिले हैं मेरठ, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, मुरादाबाद और बरेली। इनके साथ-साथ फिरोजाबाद, हाथरस, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, मथुरा, मैनपुरी और बदायूं में भी आलू की अच्छी पैदावार होती है। और आगरा तो इन सब जिलों के बीच में पड़ता है। ऐसे में यहाँ इंटरनेशनल आलू रिसर्च सेंटर खुलने से किसानों को बहुत फायदा होगा।

और बाकी किसानों को भी फायदा हो, इसके लिए योगी सरकार सहारनपुर और कुशीनगर में भी आलू के लिए एक्सीलेंस सेंटर खोल रही है। इससे पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के आलू किसानों को फायदा मिलेगा।

किसानों को होगा फायदा ही फायदा!

कृषि विज्ञान केंद्र, गोरखपुर के बड़े वैज्ञानिक डॉ. एस.पी. सिंह बताते हैं कि इन सेंटरों से किसानों को कम समय में ज्यादा पैदावार देने वाली और ज्यादा गर्मी सहने वाली किस्मों के बारे में पता चलेगा। अगर बुवाई के टाइम पर यहीं बीज मिल जाएँ तो किसान बाजार की मांग के हिसाब से फसल लगाएँगे, जिससे उनकी कमाई भी बढ़ेगी। उन्हें पता चलेगा कि मुख्य फसल और जल्दी वाली फसल के लिए कौन सी किस्में अच्छी हैं।

जैसे, कुफरी नीलकंठ में चीनी कम होती है, पर उसका बीज मिलना मुश्किल है। वैसे ही, कुफरी शौर्य जो गर्मी सह लेती है, कुफरी ख्याति जो 60-65 दिन में पक जाती है, और कुफरी चिप्सोना जो चिप्स बनाने के काम आती है, इनका भी बीज आसानी से नहीं मिलता। ये रिसर्च सेंटर इस परेशानी को दूर करने में मदद करेंगे।

पैदावार बढ़ाने की बहुत उम्मीद!

वैसे तो किसी भी फसल के लिए वहाँ का मौसम और मिट्टी बहुत मायने रखती है, लेकिन अच्छे बीज और नए तरीके भी कम जरूरी नहीं हैं। इन्हीं की वजह से नीदरलैंड, बेल्जियम, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड जैसे यूरोप के कई देश एक हेक्टेयर में 38 से 44 टन तक आलू पैदा कर रहे हैं। नए रिसर्च सेंटरों से नए बीज और नए तरीके आने से पैदावार और भी बढ़ने की बहुत उम्मीद है। अपना प्रदेश तो सबसे ज्यादा आबादी वाला है, इसलिए अपनी जरूरत के हिसाब से और बाहर भेजने के लिए भी पैदावार बढ़ाना जरूरी है, और सरकार यही काम कर रही है।

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आलू में भरे हैं पोषक तत्व!

आलू तो पोषण के मामले में भी कमाल का है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, विटामिन सी, बी6, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर सब कुछ होता है, जो शरीर के लिए बहुत जरूरी है। जैसे, कार्बोहाइड्रेट तो एनर्जी का मेन सोर्स है। विटामिन सी होने से अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। मैग्नीशियम हड्डियों और मांसपेशियों के लिए जरूरी है। और फाइबर तो इसको पचाने में आसान बनाता है। इसके अलावा, इसमें फास्फोरस, आयरन, जिंक, मैंगनीज और कैल्शियम जैसे और भी कई खनिज तत्व पाए जाते हैं। ये सब अपने शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं।

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