मेंथा की खेती कर महज तीन माह में ही कमा लोंगे लाखों रूपए का मुनाफा, जाने पूरी जानकारी…

By Alok Gaykwad

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मेंथा की खेती कर महज तीन माह में ही कमा लोंगे लाखों रूपए का मुनाफा, जाने पूरी जानकारी, क्या आप नौकरी के साथ-साथ कोई बिजनेस भी ढूंढ रहे हैं? तो फिर हम आपके लिए लाए हैं एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया। जी हां, मेंथा की खेती! यह एक ऐसा बिजनेस है जिसमें आप सिर्फ 3 महीने में लाखों रुपये कमा सकते हैं।

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कोरोना महामारी के बाद से दुनियाभर में हर्बल उत्पादों और आयुर्वेदिक दवाओं की मांग बढ़ गई है। यही कारण है कि अब किसान अनाज और सब्जियों के साथ-साथ औषधीय पौधों की खेती पर भी जोर दे रहे हैं। जहाँ अनाजों से आमदनी होती है, वहीं औषधीय पौधों की खेती लागत से 3 गुना तक ज्यादा मुनाफा देती है। साथ ही इससे मिट्टी की सेहत भी बेहतर बनी रहती है।

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मेंथा की खेती ऐसे ही एक उच्च-आय वाले औषधीय फसलों में से एक है। इसकी खेती भारत के कई क्षेत्रों में की जाती है, जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पंजाब जैसे राज्य शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के बदायूं, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर और लखनऊ के खेतों से इसकी सबसे अधिक पैदावार प्राप्त हो रही है।

क्या है मेन्था

देश में मेन्था को कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे पुदीना, कारपूरमणि और सुगंध पता भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल दवाइयां, तेल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट और कैंडी बनाने में किया जाता है। आपको बता दें कि भारत मेन्था ऑयल का एक बड़ा उत्पादक है। यहाँ से मेन्था ऑयल निकालकर दूसरे देशों को भी निर्यात किया जाता है।

मेंथा की खेती के लिए अच्छी सिंचाई की जरूरत होती है। वहीं सही समय पर बोई गई मेन्था की फसल तीन महीने में तैयार हो जाती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। मेन्था की पत्तियां पोषक तत्वों का भंडार होती हैं।

मेंथा की खेती कैसे करें

फरवरी से मध्य अप्रैल तक मेन्था की रोपाई की जाती है और जून में इसकी फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। मेन्था ऑयल इसकी पत्तियों से ही निकाला जाता है। मेन्था की फसल को हल्की नमी की जरूरत होती है। इसलिए इसकी सिंचाई हर 8 दिन में की जाती है। जून में साफ मौसम आते ही इसकी कटाई कर लेनी चाहिए। एक हेक्टेयर में मेन्था से लगभग 125-150 किलो तेल प्राप्त किया जा सकता है।

मेंथा से होने वाली कमाई

मेंथा की खेती एक कैश क्रॉप है। इसकी खेती करने में लगने वाली लागत काफी कम है। इसकी फसल 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है। इससे किसानों को जल्द ही खेती में लगाया गया पैसा भारी मुनाफे के साथ वापस मिल जाता है। एक एकड़ में मेन्था की फसल लगाने में 20,000 से 25,000 रुपये तक का खर्च आता है। वहीं बाजार में मेन्था की कीमत 1000 से 1500 रुपये प्रति किलो के आसपास होती है। जिसके चलते कटाई के बाद मेन्था यानी पुदीने की फसल से 1 लाख रुपये तक की कमाई हो जाती है। आप 3 महीने में 3 गुना कमाई कर सकते हैं। इसीलिए किसान इसे हरी सोना भी कहते हैं।