₹2,000 से ज़्यादा के UPI पेमेंट पर लगेगा GST? वित्त मंत्रालय ने साफ़ किया सच

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को उन खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया जिनमें कहा जा रहा था कि सरकार ₹2000 से ऊपर के UPI ट्रांजैक्शंस पर GST लगाने की सोच रही है। मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि यह खबरें “झूठी, भ्रामक और बेबुनियाद” हैं और ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
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UPI पर अभी GST क्यों नहीं लगता?
फिलहाल, UPI ट्रांजैक्शन पर कोई Merchant Discount Rate (MDR) नहीं लिया जाता, इसलिए GST भी लागू नहीं होता। 2019 में सरकार ने एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए 1 जनवरी 2020 से व्यक्तिगत से व्यापारी (P2M) UPI लेन-देन पर MDR खत्म कर दिया था। इसका मतलब है कि दुकानदारों और ग्राहकों को UPI पेमेंट पर किसी भी तरह का चार्ज नहीं देना पड़ता।
डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने की सरकारी योजना
सरकार ने 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना (Incentive Scheme) शुरू की है, ताकि छोटे दुकानदारों को UPI अपनाने में मदद मिले।
इस योजना का मकसद कम वैल्यू के P2M ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना है।
- ₹1,389 करोड़ – 2021-22
- ₹2,210 करोड़ – 2022-23
- ₹3,631 करोड़ – 2023-24
यह आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार डिजिटल लेन-देन को लेकर कितनी गंभीर है।
UPI से भारत बना डिजिटल दुनिया का सिरमौर
ACI Worldwide Report 2024 के अनुसार, 2023 में दुनिया के 49% रियल-टाइम ट्रांजैक्शन भारत ने किए।
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- 2019-20 में UPI से लेन-देन का मूल्य था ₹21.3 लाख करोड़
- 2024-25 में ये बढ़कर हुआ ₹260.56 लाख करोड़
- अकेले P2M ट्रांजैक्शन की वैल्यू थी ₹59.3 लाख करोड़
इन आंकड़ों से साफ है कि भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम पूरी दुनिया में सबसे आगे है।सरकार का फोकस है – डिजिटल इंडिया को और मजबूत बनाना, न कि UPI पर टैक्स लगाना।