महज 3 महीने में किसानो को मालामाल कर देगी इस औषधीय पौधे की खेती! कहलाती है “हरा सोना”, बिकती है 1000 से 1500 रुपये प्रति किलो

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महज 3 महीने में किसानो को मालामाल कर देगी इस औषधीय पौधे की खेती! कहलाती है "हरा सोना", बिकती है 1000 से 1500 रुपये प्रति किलो

महज 3 महीने में किसानो को मालामाल कर देगी इस औषधीय पौधे की खेती! कहलाती है “हरा सोना”, बिकती है 1000 से 1500 रुपये प्रति किलो, देश के किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर अब नकदी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में औषधीय (herbal) उत्पादों में पुदीने का नाम भी शामिल है. पुदीने की खेती करके आप सिर्फ 3 महीने में लाखों रुपये कमा सकते हैं. इसके तेल की मांग भारतीय बाजार के साथ-साथ विदेशों में भी काफी रहती है. किसान पुदीने की फसल को “हरी सोना” भी कहते हैं.

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अगर आप नौकरी के साथ कोई बिजनेस खोज रहे हैं, तो हम आपको एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया दे रहे हैं. ये ऐसा बिजनेस है जिसमें आप सिर्फ 3 महीने में लाखपति बन सकते हैं. हम बात कर रहे हैं पुदीने की खेती की. पुदीना औषधीय उत्पादों की श्रेणी में आता है. कोरोना महामारी के बाद से पूरी दुनिया में हर्बल उत्पादों और आयुर्वेदिक दवाओं की मांग बढ़ गई है. यही कारण है कि अब किसान अनाज और सब्जियों के साथ-साथ औषधीय फसलों की खेती पर भी जोर दे रहे हैं. औषधीय फसलों की खेती करने से लागत से 3 गुना तक ज्यादा आमदनी हो जाती है.

इसके अलावा, इससे मिट्टी की सेहत भी बेहतर बनी रहती है. पुदीने की खेती ऐसे ही ज्यादा आमदनी देने वाली औषधीय फसलों में शामिल है. वैसे, भारत के कई क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है. इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पंजाब जैसे कई अन्य राज्य शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में बदायूं, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकर नगर और लखनऊ के खेतों से इसकी सबसे अधिक पैदावार प्राप्त हो रही है.

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पुदीना क्या है? (What is Mint)

पुदीने को देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे पेपरमिंट, पुदीना, कपूरमिंट और सुगंधी तापत्र के नाम से भी जाना जाता है. इसका इस्तेमाल दवाइयां, तेल, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट और कैंडी बनाने में किया जाता है. आपको बता दें कि भारत पुदीने के तेल का प्रमुख उत्पादक देश है. यहां से पुदीने का तेल निकालकर दूसरे देशों को भी निर्यात किया जाता है. पुदीने की खेती के लिए अच्छी सिंचाई की जरूरत होती है. सही समय पर बोया गया पुदीने का फसल तीन महीने में तैयार हो जाता है. मेथी की खेती के लिए मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. पुदीने की पत्तियां पोषक तत्वों का भंडार होती हैं.

पुदीने की खेती (Mint Cultivation)

पुदीने की खेती फरवरी से लेकर अप्रैल मध्य तक की जाती है और इसकी फसल जून में तैयार हो जाती है. इसका तेल इसकी पत्तियों से निकाला जाता है. पुदीने की फसल को हल्की नमी की जरूरत होती है. जिस कारण हर 8 दिन में इसकी सिंचाई की जाती है. जून में जैसे ही साफ मौसम दिखे इसकी कटाई कर लेनी चाहिए. पुदीने से एक हेक्टेयर में लगभग 125-150 किलो तेल प्राप्त किया जा सकता है.

पुदीने से कमाई (Earning from Mint)

पुदीने की खेती एक नकदी फसल है. पुदीने की खेती करने में लागत काफी कम आती है. इसकी फसल 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है. इस कारण किसानों को खेती में लगाया गया पैसा जल्द ही भारी मुनाफे के रूप में वापस मिल जाता है. एक एकड़ में पुदीने की फसल लगाने में 20,000 से 25,000 रुपये तक का खर्च आता है. वहीं, बाजार में पुदीने की कीमत लगभग 1000 से 1500 रुपये प्रति किलो है।