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फलों के कचरे से शुरू किया कारोबार, गन्ने की खोई से बना रहा प्रोडक्ट, ये युवा कचरे से कमा रहा है लाखों रुपए

फलों के कचरे से शुरू किया कारोबार, गन्ने की खोई से बना रहा प्रोडक्ट, ये युवा कचरे से कमा रहा है लाखों रुपए पैसे कमाने, सफलता प्राप्त करने का अगर जुनून हो तो फिर लोग कचरे से भी पैसा कमा लेते हैं। जी हां आपको बता दे की गन्ने की खोई से भी पैसे कमाए जा सकते हैं। क्योंकि गन्ने की खोई से प्लेट, कटोरी और मग बनाए जाते हैं। जिसकी बाजार में डिमांड भी बढ़ती जा रही है। क्योंकि जब से सरकार ने सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है, तब से प्लास्टिक के जगह पर अन्य चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें अब इको फ्रेंडली सामान बनाने के लिए गन्ने के कचरे के साथ-साथ फल के कचरे का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें एक युवक को अपार सफलता मिली है, चलिए जानते हैं कैसे।

गन्ने की खोई से खड़ा किया कारोबार

गन्ने की खोई से खड़ा कर दिया लाखों का कारोबार। क्योंकि वह बना रहे हैं गन्ने की खोई से बड़े पैमाने में कटोरी, प्लेट और मग। जिसमें अब बाजार में उनके प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ती जा रही है। दरअसल, हम जिस युवा की बात कर रहे हैं वह बिहार के रहने वाले हैं। उनका नाम रितेश है, और वह गन्ने की खोई से अपना बिजनेस शुरू करके लाखों रुपए कमा रहे है। क्योंकि वह इको फ्रेंडली सामान बना रहे हैं। जिससे सेहत पर कोई नुकसान नहीं होता है।

बता दे कि उन्होंने कृषि विद्यालय से इंटर तक की पढ़ाई की है। लेकिन बाद में उन्होंने किसी कारण से आर्ट विषय ले लिया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और यूट्यूब पर वीडियो देखकर खुद का कारोबार शुरू किया और अब उन्हें इसमें सफलता भी मिल रही है। क्योंकि उनकी चीज बाजार में बहुत ज्यादा पसंद की जा रही है। वही मधुमेह के मरीज तो बहुत ज्यादा इसकी डिमांड करते हैं।

क्योंकि गन्ने की खोई से बने मग में जब वह चाय पीते हैं तो उन्हें चाय थोड़ी मीठी लगती है। जिससे उनके चाय का स्वाद बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं उन्होंने इस उद्योग को शुरू करने में कितना निवेश किया है, और किन चीजों से वह कैसे अपना प्रोडक्ट बना रहे हैं।

कचरे से बने बर्तन में निवेश और कमाई

कचरे से बर्तन बनाने में निवेश कम आता है। क्योकि वह सिर्फ गन्ने की खोई ही नहीं बल्कि धान का भूसा, सब्जी और फल का बचा-कुचा कचरा आदि चीजों का इस्तेमाल करके मग बनाते हैं, और इस प्रक्रिया में किसी भी तरह का केमिकल नहीं डालते है। जिससे यह सारी चीज सेहत के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी हो जाती हैं। बता दे कि वह अपने बिजनेस को सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश में भी फैला चुके हैं। जिससे उन्हें अच्छी खासी कमाई हो रही है।

इस बिजनेस में निवेश के बात करें तो उन्होंने सरकार की मदद ली है। जिसमें वह राज्य सरकार की सीएम युवा उद्यमी योजना का लाभ उठाकर ₹6 लाख का लोन लेकर यह कारोबार शुरू किया। जिसमें उनकी माता जी का पूरा साथ मिल रहा है, और वह आसपास के बाजार के साथ आसपास के राज्यों में भी अपने बने प्रोडक्ट को बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कचरे का इस्तेमाल भी हो गया।

जो किसान खेतों में इस कचरे को जलाते थे, उससे प्रदूषण फैलता था। लेकिन अब उस कचरे से युवा उद्यमी कारोबार कर रहे हैं, और कमाई कर रहे हैं। साथ ही पर्यावरण में प्रदूषण फैलने से भी बचा रहे हैं। यानी कि एक साथ दो काम पूरे हो गए पर्यावरण में भी कोई प्रदूषण नहीं फैले और कमाई भी हो जाएगी। बता दे कि आने वाले समय इन बर्तनों की डिमांड और बढ़ सकती है।

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