कृष्ण भक्ति में डूब आयी वृंदावन रशिया की मशहूर हस्ती यूना, कान्हा से हुआ इतना प्रेम की छोड़ आयी घर परिवार

By Jitendra kumar

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भगवान श्री कृष्ण की नगरी ब्रज क्षेत्र के वृंदावन में करोड़ों लोग आस्था लिए जाते हैं. बता दें कि करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक वृंदावन माना जाता है. यहां पर सिर्फ देश से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से करोड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं. जहां पर पहुंच कर भगवान की सेवा की जाती है. लेकिन आपको बता दें कि आज हम आपको एक ऐसी ही रसिया सेवृंदावन आई एक भक्त के बारे में बताने वाले हैं. वह मैहर दर्शन करने के लिए आई थी और उसके बाद में फिर कुछ ऐसा हुआ कि वह यहीं की होकर रह गई।

राशियन लड़की को हुआ वृंदावन के लड़के से प्यार जानकारी के लिए आपको बता दें कि उसे रशियन लड़की को यहां पर एक लड़की से प्यार हो गया था. दोनों एक दूसरे को इस कदर प्यार करने लगे थे कि यह शादी तक बात पहुंच गई. कृष्ण भक्ति में डूबी हुई यूना वृंदावन पहुंच गई और उसकी मुलाकात 20 साल से वृंदावन में रह रहे राजकरण से हुई. जोकि वृंदावन में रहकर ही गुरु की आज्ञा से गायों की सेवा किया करता था।

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दिल्ली में दोनों ने हिंदू रीति-रिवाज से रचाई शादी यूना भी गौ सेवा करने लगी और वहां पर उसकी मुलाकात राजकरण के साथ हुई. दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया और बाद में अप्रैल 2023 में दोनों ने पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ दिल्ली में शादी रचाई. अब दोनों दिन में गौ सेवा करते हैं तो वहीं शाम को वृंदावन के इस्कॉन मंदिर के पास में जाकर धार्मिक पुस्तक और चंदन लगाकर अपना पेट भरते हैं. दोनों की जोड़ी को देखकर वहां के रहने वाले लोग और आने वाले श्रद्धालु भी काफी हैरान हो जाते हैं.

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भारतीय संस्कृति के हिसाब से रहती हैं यूना आपको जानकर हैरानी होगी कि राजकरण ने कोई भी शिक्षा प्राप्त नहीं की है और वही यूना जो कि रशिया आई है उसे हिंदी तक बोलनी ठीक से नहीं आती. लेकिन इसके बावजूद प्यार की भाषा ऐसी है कि दोनों एक दूसरे की हर बात को समझ जाते हैं. अगर दोनों की उम्र की बात करें तो आपको बता दें कि उन दोनों में उम्र का कुछ खास ज्यादा फासला नहीं है. यूना की उम्र 36 साल है तो वही राजकिरण 35 साल के हैं. दोनों ने पूरी रीति रिवाज और भारतीय संस्कृति के साथ शादी रचाई. अब यूना पूरे भारतीय संस्कृति के रिवाज से ही रहती है और गले में मंगलसूत्र, मांग में सिंदूर और पैरों में पायल भी पहनती हैं.

Jitendra kumar

दुनिया में हो रही हलचल को सत्यता और सटीकता से आप तक पहुंचाना, जनता की आवाज को बुलंद बनाना ही पत्रकार का धर्म है. एक सच्चे पत्रकार को अपने धर्म की रक्षा करनी चाहिए। चूँकि धर्म की जो रक्षा करता है. धर्म उसकी रक्षा करता है. (मैं 2 वर्षो से डिजिटल मीडिया में कार्यरत हूँ। मुझे ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी और किसान समाचार में विशेष रूचि है)