ये नस्ल की बकरी में है औषधीय गुणों का खजाना, इसका पालन कर चंद समय में ही बन जाओगे धन्ना सेठ, देखे पूरी डिटेल्स…

By Alok Gaykwad

Published on:

Follow Us

ये नस्ल की बकरी में है औषधीय गुणों का खजाना, इसका पालन कर चंद समय में ही बन जाओगे धन्ना सेठ, देखे पूरी डिटेल्स, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आय का मुख्य स्रोत खेती और पशुपालन है। इसकी वजह से कम लागत में अच्छी कमाई हो जाती है। पशुपालन एक पूंजी की तरह होता है, जो लगातार मुनाफा देता रहता है। कुछ लोग गाय-भैंस पालते हैं, तो वहीं कुछ लोग मुर्गी, सुअर और बकरी पालन करते हैं। हाल के दिनों में बकरी पालन तेजी से बढ़ रहा है। ग्रामीण से लेकर शहरों तक लोग कम लागत और ज्यादा मुनाफे के कारण बकरी पालन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं।

यह भी पढ़े : – पैसे वाले पेड़ कहलाता है ये महोगनी, किसान ने खेती कर कमाया तगड़ा मुनाफा, जाने पूरी जानकारी…

लेकिन बकरियों की कई नस्लें हैं, जिनका पालन व्यावसायिक रूप से किया जाता है। इन्हीं में से एक है बरबरी नस्ल की बकरी, जो मुख्य रूप से अपने उच्च गुणवत्ता वाले मांस के लिए जानी जाती है। इसका मांस खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। यही कारण है कि बाजारों में इसकी मांग काफी ज्यादा है। इसे पालकर पशुपालक करोड़पति भी बन सकते हैं।

यह भी पढ़े : – 7 सीटर सेगमेंट में गोते लगायेगी न्यू Maruti Suzuki XL7, देखे लग्जरी फीचर्स के साथ पॉवरफुल इंजन

आइए जानते हैं पशु विशेषज्ञों से इस खास नस्ल की बकरी के बारे में। रायबरेली के सरकारी पशु अस्पताल शिवगढ़ के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ इंद्रजीत वर्मा (एमवीएससी वेटनरी) लोक 18 को बताते हैं कि बरबरी नस्ल की बकरी बहुत महंगी होती है क्योंकि इसका मांस पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यही कारण है कि बाजारों में इसे आसानी से ऊंचे दामों में बेचा जा सकता है। वह कहते हैं कि इस बकरी का रंग सफेद होता है और उसके शरीर पर लाल रंग के चित्ते होते हैं, जिस वजह से दूर से देखने पर यह हिरण जैसी लगती है। इसके कान और सींग छोटे आकार के होते हैं और यह 15 महीने में दो बच्चों को जन्म देती है।

बरसात के मौसम में बढ़ता है दूध

डॉक्टर बताते हैं कि इस नस्ल की खासियत यह है कि इसके दूध की मात्रा बरसात के महीनों में बढ़ जाती है, जबकि बरसात के महीनों में ही दूसरे जानवरों का दूध कम हो जाता है। इसीलिए यह बकरी बरसात के महीनों में ज्यादा मुनाफा देती है। यह रोजाना एक से दो लीटर दूध देती है। बरसात के मौसम में नीम के पत्ते ज्यादा देखने को मिलते हैं, जिस वजह से यह ज्यादा मात्रा में नीम के पत्तों का सेवन करती है, जो इसके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

900 रुपये प्रति किलो बिकता है मीट

अन्य नस्लों की बकरियों के मुकाबले इस बकरी का मांस बाजारों में ऊंचे दाम पर बिकता है। इस बकरी का मांस आसानी से 900 रुपये प्रति किलो बिक जाता है। साथ ही, इस नस्ल की एक बकरी का वजन लगभग 40 किलो होता है।

डेंगू के मरीजों के लिए दूध है दवा की तरह

पशु चिकित्सक डॉ इंद्रजीत वर्मा का कहना है कि बरबरी नस्ल की बकरी का दूध डेंगू के मरीजों के लिए दवा का काम करता है क्योंकि इसका दूध डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर होता है। इसीलिए इसका दूध 200 रुपये से 300 रुपये प्रति लीटर तक बिक जाता है। इस बकरी का रखरखाव भी आसान है। यह सिर्फ सादा भोजन ही करती है।