ये नागपुरी नस्ल भैंस का पालन कर बन जाओगे धन्ना सेठ, जाने पूरी डिटेल्स…

By Rishabh Meena

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ये नागपुरी नस्ल भैंस का पालन कर बन जाओगे धन्ना सेठ, जाने पूरी डिटेल्स…पशुपालन आज देश में आय का एक बड़ा जरिया बनता जा रहा है। डेयरी का बिजनेस अपनाकर किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं। देश में कई ऐसी भैंसों की नस्लें हैं, जिन्हें पालकर किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्हीं में से एक है नागपुरी भैंस की नस्ल, जो पशुपालकों की पसंदीदा मानी जाती है। ये भैंस एक सीजन में 1000 लीटर से भी ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती है।

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कैसे पहचाने असली नागपुरी भैंस को

नागपुरी भैंस मूल रूप से महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र की मानी जाती है। इसे कई नामों से जाना जाता है। कई जगहों पर इन्हें अरवी, बरारी, चंदा, गौरानी, गौलाओगन, गाओलवी, गंगौरी, पुरंथदी, शाही और वर्धाड़ी के नाम से भी जाना जाता है। अन्य भैंसों की नस्लों के मुकाबले नागपुरी भैंस का शरीर छोटा और हल्का होता है। इनका रंग ज्यादातर काला होता है। इनके चेहरे, पैरों और पूंछ के सिरे पर सफेद धब्बे पाए जाते हैं। इनके सींग लंबे होते हैं। इनकी औसतन लंबाई लगभग 135 सेमी होती है।

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1200 से 1500 लीटर तक दूध देती है नागपुरी भैंस

गौर करने वाली बात ये है कि कोई भी दुधारू गाय या भैंस साल भर दूध नहीं देती। ये डेढ़ से तीन महीने तक ही दूध देती हैं। नागपुरी भैंस के बारे में कहा जाता है कि ये एक ब्याने में 1200 से 1500 लीटर तक दूध देती है। इनके दूध में 7.7 प्रतिशत वसा पाया जाता है। डेयरी का बिजनेस करने वाले किसानों के लिए ये भैंस काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इस भैंस को पालकर पशुपालक बहुत ही कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

नागपुरी भैंस की खासियत क्या है?

अधिक दूध उत्पादन के लिए जानी जाने वाली नागपुरी भैंस सूखे का भी आसानी से सामना कर लेती है, यही कारण है कि विदर्भ के किसानों के बीच ये बहुत प्रसिद्ध है।

दूध देने वाली भैंसों में नागपुरी भैंस का स्थान दूसरा आता है। इनको पालने का खर्च भी काफी कम आता है।
ये बहुमुखी भैंस खराब मौसम की स्थिति में भी खुद को ढाल लेती है और ऐसे वातावरण में भी सकारात्मक व्यवहार प्रदर्शित करती है।
यह भी जरूर करे कि पशु शारीरिक रूप से स्वस्थ है या नहीं नागपुरी भैंस में रोगों से लड़ने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है।

पानी की कमी के समय भी नागपुरी भैंस को फायदेमंद माना जाता है।मुर्रा भैंस को 1 लीटर दूध देने के लिए 6-7 लीटर पानी की जरूरत होती है, जबकि नागपुरी भैंस कम पानी में भी अपना दूध उत्पादन ठीक बनाए रखने में सक्षम है।