Vastu Dosh Upay: वास्तु दोष दूर करने और मनोकामना पूर्ति के लिए पिरामिड वास्तु
वास्तु शास्त्र के साथ-साथ फेंगशुई, पिरामिड वास्तु और पिरामिड यंत्र वास्तु दोष दूर करने, एकाग्रता बढ़ाने, ध्यान लगाने और मनोकामना पूर्ति में अपना विशेष योगदान देते हैं. पिरामिड के चमत्कारी प्रभावों के पीछे इसका खास आकार है, जो मनुष्यों पर स्थूल और सूक्ष्म दोनों तरह से सकारात्मक प्रभाव डालता है. मिस्र के पिरामिड काफी प्रसिद्ध हैं, पिरामिडों पर शोध करने वालों का मानना है कि पिरामिड ब्रह्मांड से ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ-साथ दिव्य शक्ति को भी आकर्षित करते हैं. पिरामिडों से बने यंत्रों का इस्तेमाल मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है.
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पिरामिड में बैठने से इच्छाशक्ति मजबूत होती है
इंसान प्राचीन काल से ही अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों में जाकर प्रार्थना करता रहा है. किसी भी धार्मिक स्थल पर जाकर जब आप ध्यान लगाते हैं तो आपके मन में शांति का अनुभव होता है और उस स्थान पर आप जब अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से कुछ मांगते हैं, तो वह इच्छा पूरी हो जाती है. इसीलिए मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों और गुरुद्वारों में पिरामिड आकार को प्राथमिकता दी जाती है. मंदिरों के गर्भगृह में बैठकर ध्यान लगाने या मंत्र जपने से एक अलग तरह का आनंद मिलता है और मानसिक एवं आत्मिक शांति का अनुभव होता है. गुंबदों में जो गुंजार होती है, वह उस घोषणा को प्रभावशाली बनाती है और शब्द ब्रह्म के आनंद की उमंग को बढ़ाती है. जब घंटे की गूंज घूमकर हमारे कानों के रास्ते हमारे दिलों में प्रवेश करती है, तो वह शांति का अनुभव कराती है. इसीलिए पिरामिड संरचना बहुउद्देश्यीय है. पिरामिड संरचना ज्योतिष, गणित, ब्रह्मांड, गुरुत्वाकर्षण और वास्तुकला का एक अद्भुत समन्वय है.
पिरामिड में रोज बैठने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं
अगर कोई व्यक्ति हर रोज दस से पंद्रह मिनट के लिए पिरामिड के अंदर बैठता है, तो उसकी इच्छाशक्ति मजबूत हो जाती है और जब इच्छाशक्ति मजबूत होती है, तो उसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ-साथ खुशी का भी अनुभव होता है. जब कोई व्यक्ति पिरामिड के अंदर बैठता है, तो पिरामिड की आंतरिक ऊर्जा शक्तियां उस व्यक्ति की ऊर्जा के साथ परस्पर क्रिया करती हैं और इसके फलस्वरूप उस व्यक्ति को अपनी चेतना और शक्ति में स्पष्ट वृद्धि का अनुभव होता है.
पिरामिड में आकाश तत्व शामिल है
पिरामिड के ऊपरी त्रिकोण के तीनों कोणों को वर्तमान, अतीत और भविष्य का प्रतीक माना जाता है. ये कोण कुंडली के लग्न, पंचम और नवम भाव को दर्शाते हैं, लग्न वर्तमान को, पंचम भाव पिछले जन्म के संस्कारों को और नवम भाव भविष्य को दर्शाता है. पिरामिड मानव स्वास्थ्य, बुद्धि और जीवन संरचना को उच्च कोटि का बनाता है. शोध बताते हैं कि पिरामिड चिकित्सा क्षेत्र में भी उपयोगी साबित हो रहे हैं. पांच तत्व अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल, आकाश में से पिरामिड आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए जब किसी भवन में दिव्य शक्ति को बढ़ाना होता है, तो पिरामिड की स्थापना शुभ मानी जाती है. पिरामिड का चमत्कारी आकार मानव कल्याण के लिए ब्रह्