त्योहारों के बाद प्याज की खपत बढ़ गई है, लेकिन जिसके कारण प्याज की कीमत पर भी असर पड़ रहा है। प्याज की थोक कीमतें पिछले 15 दिन में करीब 60% तक बढ़ गई हैं और पिछले एक हफ्ते में इसके भाव 18% बढ़े हैं। दिल्ली के साथ ही महाराष्ट्र के बाजारों में भी प्याज की कीमतें 7वें आसमान पर पहुंच गई हैं। मान जा रहा है की प्याज की कीमतों में यह बढ़ोतरी दिसंबर तक जारी रह सकती है नए फसल के आने से पहले महंगे प्याज से राहत मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही है।
एक सप्ताह पहले तक मंडी के थोक व्यापारी जो प्याज ढाई से तीन हजार रुपये क्विंटल के हिसाब से बेच रहे थे, बुधवार को उस प्याज के दाम 45 से 50 रुपये किलो हो गए हैं। राजधानी दिल्ली के रिटेल मार्केट में प्याज 50 से 60 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है।
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सप्लाई में कमी
पिछले 15 दिनों में प्याज की आवक में 40% तक की गिरावट देखी गई है। सामान्य दिनों रोजाना लगभग 400 से ज्यादा प्याज की गाड़ी की आवक होती है। यह आंकड़ा पिछले 15 दिनों में 150 कम होकर 250 रह गया है। एक गाड़ी में लगभा 10 टन प्याज लोड होता हैं। इस हिसाब से 1500 टन कम प्याज मार्केट में आ रहा है लेकिन अब इसमें गिरावट हुई है।
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सरकार ने अगस्त में एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी
केंद्र सरकार ने अगस्त माह में प्याज के एक्सपोर्ट पर 40% ड्यूटी लगाई थी, ताकि प्याज की आवक में देरी होने पर भी कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके। अगस्त में सरकार ने बताया था कि आपात स्थिति से निपटने के लिए 3 लाख टन प्याज का स्टॉक था। प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है।