दिल्ली से निकटतम पर्यटन स्थलों में से एक उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश है. ऋषिकेश आध्यात्मिकता और योग का शहर है. यह स्थान न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि रोमांच प्रेमियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. खास बात यह है कि आप किसी भी मौसम में ऋषिकेश की यात्रा कर सकते हैं. गर्मियों से लेकर सर्दियों तक के सफर का आनंद आप ले सकते हैं. वीकएंड ट्रिप यानी दो दिन के लिए भी आप ऋषिकेश घूमने जा सकते हैं. साथ ही यहां घूमने के लिए आपको ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ेगा.
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हालांकि, अगर आप ऋषिकेश घूमने जा रहे हैं तो यहां के पांच विशेष स्थानों पर जाने का ना भूलें. इन पांच जगहों को देखे बिना ऋषिकेश की यात्रा अधूरी मानी जाती है.
ऋषिकेश के प्रमुख पांच पर्यटन स्थल
त्रिवेणी घाट
अगर आप ऋषिकेश जाते हैं, तो तो यहां त्रिवेणी घाट पर जरूर कुछ समय बिताएं. त्रिवेणी घाट पर तीन नदियों का संगम होता है. ऐसा माना जाता है कि यहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार त्रिवेणी घाट को सबसे पवित्र स्थान माना जाता है. इस घाट पर सुबह, दोपहर और शाम को तीन बार गंगा आरती की जाती है. शाम की महा आरती में शामिल होना न भूलें.
त्र्यंबकेश्वर मंदिर
ऋषिकेश का त्र्यंबकेश्वर मंदिर प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला के सामने स्थित है. इस मंदिर की स्थापना श्री 108 ब्रह्मभिष महाराज स्वामी कैलाशानंद जी द्वारा की गई थी. यह भव्य 13 मंजिला मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इसे 13 मंजिला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.
वशिष्ठ गुफा आश्रम
ऋषिकेश से लगभग 25 किमी दूर प्राचीन वशिष्ठ गुफा आश्रम है, जो शांति और ध्यान के लिए एक बेहतरीन जगह है. स्वामी पुरुषोत्तमानंद जी ने इस गुफा में तपस्या की थी. ऋषिकेश आने वाले पर्यटकों को इस गुफा का भ्रमण जरूर करना चाहिए.
जानकी पुल
आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश में स्थित जानकी सेतु की खूबसूरती पर्यटकों को मोहित कर सकती है. G20 सम्मेलन के दौरान इसे खूबसूरती से सजाया गया था. पुल और आसपास की दीवारों पर बने रंगीन चित्र पुल की सुंदरता को बढ़ाते हैं और फोटोशूट के लिए बेहतरीन स्थान है. यहां पर प्रियदर्शिनी पार्क और योग पार्क बने हुए हैं.
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बीटल्स आश्रम
वर्ष 1961 में ऋषिकेश में महर्षि महेश योगी द्वारा योग और ध्यान सिखाने के लिए एक आश्रम का निर्माण किया गया था. 60 के दशक में, प्रसिद्ध बीटल्स बैंड ध्यान की खोज में इस आश्रम में पहुंचा था, तब से यह स्थान बीटल्स आश्रम के नाम से प्रसिद्ध हो गया. बीटल्स बैंड के सदस्य इसी आश्रम में रुके थे.