मशरूम की खेती से निकलने वाला बेकार पदार्थ जो धान की पैदावार बढ़ाने में कर सकता है कमाल! जाने तरीका, खरीफ की फसल बोने का सीजन चल रहा है. खरीफ की फसलों में सबसे अहम धान की फसल होती है. इस समय किसान पूरे मन से धान की बुवाई की तैयारी में जुटे हुए हैं. ऐसे में अगर किसान धान की फसल में जैविक खाद का इस्तेमाल करें, तो उनकी फसल की पैदावार कई गुना बढ़ सकती है. जैविक खादों में सबसे बेहतर है मशरूम की खेती करने के बाद बचने वाला वेस्ट प्रोडक्ट. जी हां, अगर किसान मशरूम की खेती से निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट को खाद के रूप में इस्तेमाल करें, तो धान की पैदावार काफी बेहतर हो सकती है.
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मशरूम की खेती: धान की पैदावार बढ़ाने में कर सकता है कमाल
मऊ जिले के दोरीघाट विकास खंड के बुधवार गांव के रहने वाले मशरूम किसान शशिकांत चौहान बताते हैं कि मशरूम बोने के लिए इस्तेमाल होने वाली खाद बहुत ही उपयोगी होती है. इस खाद में 10% जिप्सम, 10% कोको पीट और 10% पोल्ट्री की बीट मिलाकर तैयार किया जाता है. इसी वजह से ये बहुत उपजाऊ होती है.
किसान शशिकांत बताते हैं कि वो पिछले एक साल से अपने खेतों में इस खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके नतीजे बेहतर रहे हैं. इसे डालने के बाद खेतों में यूरिया खाद की भी जरूरत नहीं पड़ती है. ये खाद बाजार में 2 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलती है. इस खाद का इस्तेमाल करके हम बिना किसी केमिकल प्रोडक्ट के पूरी तरह से जैविक तरीके से खेती कर सकते हैं.
मशरूम की खेती: एक बीघे में लगती है इतनी खाद
किसान शशिकांत चौहान बताते हैं कि अगर आप इस खाद का इस्तेमाल एक बीघा खेती में करते हैं तो 2 ट्रॉली खाद की जरूरत पड़ेगी. इससे खेत भी पूरी तरह से जैविक रूप से तैयार हो जाएगा. इस खाद को डालने के बाद यूरिया और डाई की भी जरूरत नहीं पड़ती है.