Business Idea: ताबड़तोड़ मुनाफे वाला बिजनेस करना है तो पड़े ये खास बिजनेस की खबर, सबसे बेहतर और अलग है ये बिजनेस…

By Alok Gaykwad

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Business Idea: ताबड़तोड़ मुनाफे वाला बिजनेस करना है तो पड़े ये खास बिजनेस की खबर, सबसे बेहतर और अलग है ये बिजनेस। आज हम आपको एक ऐसे स्टार्टअप आइडिया के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सिर्फ पैसा ही नहीं बल्कि प्यार, सम्मान और आशीर्वाद भी मिलता है. ये बिजनेस जापान समेत कई देशों में काफी चल निकला है और भारत में भी इसकी उतनी ही संभावनाएं हैं. साथ ही इसमें आपको फर्स्ट मूवर एडवांटेज (First Mover Advantage – नया बिजनेस शुरू करने का फायदा) भी मिलेगा.

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40-60 साल के लोगों की ख्वाहिश

भारत में 40-60 साल के लोगों से पूछिए कि उन्हें क्या चाहिए? तो ज्यादातर लोग यही कहेंगे कि बच्चे अच्छे स्कूलों में पढ़ें और बुजुर्ग माता-पिता अपना आखिरी समय खुशी से बिता सकें. बस इतना ही काफी है. छोटे बच्चों के लिए तो प्ले स्कूल हैं ही. अगर माता-पिता दोनों काम करते हैं, तो बच्चों के लिए डे-केयर सेंटर हैं. दफ्तर जाते समय वो अपने बच्चों को यहां छोड़ जाते हैं और ऑफिस से वापस आते समय उन्हें ले जाते हैं. डे-केयर सेंटर आजकल भारत के लगभग हर शहर में मौजूद हैं, लेकिन क्या उन्हीं माता-पिता के लिए भी कोई डे-केयर सेंटर है? यही मौका है आपके बिजनेस का. यही है हमारा स्टार्टअप आइडिया. इसमें आपको पैसा कमाने के साथ-साथ प्यार, सम्मान और आशीर्वाद भी मिलेगा.

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सीनियर सिटिजन डे-केयर सेंटर

आप बुजुर्गों के लिए डे-केयर सेंटर शुरू करें. ये सेंटर ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए. इसमें श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भगवद्गीता जैसी फिल्मों का कलेक्शन, 70-80 के दशक का संगीत और शोले जैसी फिल्मों का संग्रह होना चाहिए. चारों तरफ शतरंज जैसे खेलों की व्यवस्था हो.

सुबह में बच्चे स्कूल जाते हैं उसी तरह बुजुर्ग माता-पिता भी आपके डे-केयर सेंटर जाएंगे. दफ्तर जाते समय बच्चे स्कूल जाते हैं उसी तरह सुबह के समय बच्चे अपने माता-पिता को आपके डे-केयर सेंटर में छोड़ देंगे और शाम को ऑफिस से वापस आते समय उन्हें ले लेंगे. आपके सेंटर में दोपहर का भोजन और शाम की चाय की व्यवस्था होनी चाहिए.

सुरक्षा का ध्यान रखें

आपके सेंटर में प्राथमिक उपचार बॉक्स, एक नर्सिंग स्टाफ और अगर माता-पिता की संख्या ज्यादा है तो एक जूनियर डॉक्टर भी होना चाहिए. साथ ही एम्बुलेंस की सुविधा भी सुनिश्चित करनी होगी. जब माता-पिताओं की संख्या बढ़ जाए तो लो फ्लोर बस भी चलाई जा सकती है. जैसे स्कूल बस बच्चों के लिए पिक एंड ड्रॉप का काम करती है, उसी तरह ये बस माता-पिता के लिए पिक एंड ड्रॉप का काम करेगी. इससे कुछ अतिरिक्त आमदनी भी हो जाएगी.

फायदे ही फायदे

इस बिजनेस की सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें आपको सिर्फ पैसा ही नहीं बल्कि माता-पिता का आशीर्वाद और उनके बच्चों का ढेर सारा धन्यवाद भी मिलेगा. इसके अलावा समाज में आपका सम्मान बढ़ेगा क्योंकि आप एक अच्छा काम कर रहे हैं. अपने डे-केयर सेंटर में प्रतियोगिताएं आयोजित करें और इसकी खबरें लोकल अखबारों, टीवी चैनलों और वेबसाइटों पर छपवाएं. इससे आपको विज्ञापन करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.

कौन कर सकता है ये बिजनेस?

यह फुलटाइम बिजनेस है इसलिए छात्र इसे अकेले नहीं कर सकते. लेकिन आप किसी सह-संस्थापक के साथ मिलकर इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं. आप इसमें अपना 4 घंटे का समय दें और बाकी सब कुछ आपका सह-संस्थापक देखेगा.