सोयाबीन की इन उन्नत किस्मों को लगाकर किसान दोगुना कर सकते हैं मुनाफा, मिलेगी बम्पर पैदावार , देखें पूरी लिस्ट

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सोयाबीन की इन उन्नत किस्मों को लगाकर किसान दोगुना कर सकते हैं मुनाफा, मिलेगी बम्पर पैदावार , देखें पूरी लिस्ट

सोयाबीन खरीफ सीजन की अहम तिलहनी फसल है, जिसकी बुवाई जून से लेकर जुलाई के पहले सप्ताह तक की जाती है। यह तिलहन के बजाय दलहन की फसल मानी जाती है। सोयाबीन दलहन की फसल है शाकाहारी मनुष्यों के लिए इसको मांस भी कहा जाता है क्योंकि इसमें बहुत अधिक प्रोटीन होता है। किसानों को सोयाबीन की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों की जानकारी होनी जरूरी है ताकि वे इन किस्मों में से अपने क्षेत्र के अनुकूल किस्म का चयन करके समय पर सोयाबीन की बुवाई कर सकें। तो आइये जानते हैं सोयाबीन की कुछ उन्नत किस्मों के बारे में।

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सोयाबीन की किस्म: जेएस 2034

जेएस 2034 की बुवाई का उचित समय 15 जून से 30 जून तक का होता हैं। सोयाबीन की इस किस्म में दाने का रंग पीला, फूल का रंग सफेद तथा फलिया फ्लैट होती है। यह किस्म कम वर्षा होने पर भी अच्छा उत्पादन देती है। कम वर्षा वाले जगहों में किसान इस किस्म की बुवाई कर उच्च उत्पादन ले सकते हैं। सोयाबीन जेएस 2034 किस्म का उत्पादन करीब एक हेक्टेयर में 24-25 क्विंटल तक होता है। यह फसल 80-85 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म की बुवाई के लिए 30-35 किग्रा बीज प्रति एकड़ की जरूरत होती है।

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सोयाबीन की किस्म: बीएस 6124

सोयाबीन की ये किस्म 15 जून से 30 जून तक लगाई जा सकती है। इस किस्म को बोने के लिए बीज की मात्रा 35-40 किलो बीज प्रति एकड़ की होती है। बात करें इसके उत्पादन की तो इस किस्म से एक हेक्टेयर में करीब 20-25 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इस किस्म को तैयार होने में 90-95 दिनों का समय लगता है। इस किस्म में फूल बैंगनी रंग के और पत्ते लंबे होते हैं।

सोयाबीन की किस्म: एनआरसी 150

सोयाबीन की एनआरसी 150 किस्म 90 दिन में पककर तैयार हो जाती है। उन्हें इसका उत्पादन 5 से 7 क्विंटल प्रति बीघा से अधिक उत्पादन मिलता है। इस वैरायटी के फायदे ज्यादा हैं वहीं फसल में कीटनाशकों का प्रकोप भी कम रहता है जिससे उत्पादन अच्छा आता है। NRC 150 कम बीमारी वाली सोयाबीन है इसमें पीला मोजेक, स्टेम फ्लाय आदि रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक होती है। सोयाबीन की उंचाई 75 सेमी तक होती है।

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सोयाबीन की किस्म: जेएस 2069

जेएस 2069 किस्म सोयाबीन की अच्छी किस्म है, इस किस्म की बुवाई का उचित समय 17 जून से 25 जून तक की जा सकती है। इस किस्म की बुवाई के लिए प्रति एकड़ 40 किलो बीज की आवश्यकता होती है। इस किस्म से एक हेक्टेयर में लगभग 22-26 क्विंटल उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इस किस्म से सोयाबीन की बुवाई करने पर फसल 90 दिन में तैयार हो जाती है। इस किस्म में पत्ती नुकली अंडाकर और गहरी हरी होती हैं।

सोयाबीन की किस्म: एमएयूएस 81

एमएयूएस 81 किस्म 93-97 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से 33 से 35 क्विंटल प्रति हैक्टेयर की पैदावार प्राप्त की जा सकती है। इसमें तेल की मात्रा 20.53 प्रतिशत तथा 41.50 प्रतिशत तक प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। इस किस्म के पत्ते गहरे हरे रंग के होते हैं। फूलों का रंग बैंगनी होता है तथा इसके बीज पीले आयताकार होते हैं। यह किस्म मध्य क्षेत्र के लिए काफी उपयुक्त है।