छोटी बचत योजना या बैंक FD(Fixed Deposit): आपके लिए बेहतर क्या है? आइये जानते है…, आपने ये जरूर सुना होगा कि ब्याज दरें बढ़ रही हैं. इसका सीधा असर बैंक जमा और छोटी बचत योजनाओं पर पड़ता है. अगर आप भी पैसा इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए ये कन्फ्यूजन हो सकता है कि बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) कराएं या फिर पोस्ट ऑफिस की टर्म डिपॉजिट स्कीम चुनें? आइए, दोनों में फर्क समझते हैं.
ये भी पढ़े- EPFO New Rule: EPFO ने राह की आसान! बिना किसी झंझट के अब नॉमिनी को मिलेगा मृतक के PF का पैसा
ब्याज दरों में हुआ इजाफा
रिजर्व बैंक मई 2022 से रेपो रेट बढ़ाना शुरू कर चुका है. तब से अब तक ये दर 4 प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो चुकी है. इसका असर ये हुआ कि पिछले वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में बैंकों ने ज्यादा फंड जुटाने के लिए रिटेल डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज देना शुरू कर दिया. नतीजा ये हुआ कि मई 2022 से फरवरी 2023 के दौरान बैंकों के नए डिपॉजिट पर भारित औसत घरेलू सावधि जमा दर (WADTDR) 2.22 प्रतिशत बढ़ गई.
वहीं, सरकार ने भी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 0.1-0.3 प्रतिशत, जनवरी-मार्च तिमाही के लिए 0.2-1.1 प्रतिशत और अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए 0.1-0.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की. इससे पहले लगातार नौ तिमाहियों तक छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था. वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही से लेकर 2022-23 की दूसरी तिमाही तक इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी. बता दें कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार तय करती है.
बैंक और पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट में ब्याज दरें
रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है कि “बैंकों की टर्म डिपॉजिट की ब्याज दरें अब पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट दरों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से निर्धारित की जाती हैं.” रिजर्व बैंक के अनुसार, एक से दो साल की मैच्योरिटी वाले बैंक रिटेल डिपॉजिट पर WADTDR फरवरी 2023 में बढ़कर 6.9 प्रतिशत हो गया, जबकि सितंबर 2022 में ये 5.8 प्रतिशत और मार्च 2022 में 5.2 प्रतिशत था.
छोटी बचत योजना पर ब्याज दर में लगातार तीन बार बढ़ोतरी के बाद अब दो साल की पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट 6.9 प्रतिशत का रिटर्न दे रही है. सितंबर 2022 में ये दर 5.5 प्रतिशत थी.
देश का सबसे बड़ा बैंक SBI (SBI ब्याज दर) एक साल से ज्यादा और दो साल से कम के डिपॉजिट पर 6.8 प्रतिशत ब्याज दे रहा है. वहीं, दो साल से ज्यादा और तीन साल से कम के डिपॉजिट पर SBI का ब्याज दर सात प्रतिशत है. मई 2022 से मार्च 2023 के दौरान पॉलिसी रेपो रेट में बढ़ोतरी के साथ ही बैंकों ने अपनी बाह्य बेंचमार्क आधारित लेंडिंग रेट (EBLR) में 2.50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है. इस दौरान मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में भी 1.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
आपके लिए बेहतर क्या है?
बैंक और पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट दोनों ही अपने फायदे और नुकसान के साथ आते हैं. चुनाव करते समय आपको अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखना चाहिए. अगर आप जल्दी लिक्विडिटी चाहते हैं तो बैंक एफडी।