Sindoor Farming: किसान अशोक तिवारी सिंदूर की खेती कर कमा रहे हैं तगड़ा मुनाफा, जाने कमाई का राज…सिंदूर सुहाग का प्रतीक माना जाता है. आमतौर पर बाजार में मिलने वाला सिंदूर कैमिकल से बना होता है. इसके इस्तेमाल से कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. जिनमें त्वचा संबंधी रोग, सिरदर्द जैसी कई गंभीर बीमारियां शामिल हैं. केमिकल सिंदूर की जगह कई महिलाएं प्राकृतिक सिंदूर का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन शायद बहुत कम लोगों को पता हो कि प्राकृतिक सिंदूर एक पेड़ से प्राप्त होता है. इसकी खेती (Sindoor Farming) करके किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के किसान अशोक तिवारी कमा रहे हैं मुनाफा
उत्तर प्रदेश के फतेhpur जिले के रहने वाले अशोक तिवारी पिछले कई सालों से सिंदूर की खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई भी कमा रहे हैं. अशोक को करीब 12 साल पहले इस पौधे के बारे में जानकारी मिली थी. दरअसल, वे महाराष्ट्र से आ रहे थे, तभी रास्ते में जंगल में उन्हें एक अनोखा पौधा दिखा. उन्होंने उस पौधे को अपने साथ ला लिया और उससे कुछ और पौधे तैयार किए. पहले तो उन्हें इस पौधे के बारे में जानकारी नहीं थी. लेकिन जब इन पौधों में फूल आए तो उन्होंने रिसर्च की और पता चला कि ये तो वही सिंदूर का पौधा है. इसके बाद उन्होंने इसकी व्यावसायिक खेती शुरू कर दी.
क्यों बढ़ रही है प्राकृतिक सिंदूर की डिमांड?
बाजार में मिलने वाले मिलावटी केमिकल सिंदूर के मुकाबले प्राकृतिक सिंदूर की डिमांड ज्यादा है. इसलिए इसकी खेती करने वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. सिंदूर के पौधे से सिंदूर के अलावा और भी कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं. इतना ही नहीं, प्राकृतिक सिंदूर लगाने से महिलाओं को मानसिक शांति भी मिलती है, ऐसा भी माना जाता है.
सिर्फ अनाज ही नहीं, औषधीय पेड़ों की खेती भी है फायदेमंद
अशोक तिवारी का कहना है कि पहले सिंदूर की खेती नहीं होती थी. लेकिन अब उन्हें देखकर कई अन्य किसान भी इससे प्रेरित हो रहे हैं. आज के समय में सिर्फ अनाज पैदा करने के साथ-साथ किसान औषधीय पौधों की खेती करके भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. तुलसी, एलोवेरा, गिलोय जैसे कई तरह के औषधीय पौधों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. इनकी खेती बहुत कम जगह में भी की जा सकती है. बड़े पैमाने पर खेती ना कर पाएं तो भी इन पौधों को घर में लगाकर व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए उगाया जा सकता है.