Monday, March 27, 2023

Share Market: 2 सालों की सबसे लंबी तेजी तोड़ी Nifty नें, इन 4 कारणों से गिरा शेयर बाजार, जाने

Share Market: भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार 19 अगस्त को मुनाफावसूली और ग्लोबल इक्विटी मार्केट में कमजोर रुख के चलते गिरावट देखी गई। इसके साथ ही शेयर बाजार में लगतार 8 दिनों से चला आ रहा तेजी का सिलसिला भी आज टूट गया। यह पिछले 2 सालों में पहली बार था, जब बाजार लगातार 8 दिन बढ़त के साथ बंद हुआ।

दोपहर 2:30 बजे के करीब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) करीब 0.92 फीसदी या 557.51 अंक गिरकर 59,740.49 अंक पर कारोबार कर रहा था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) इंडेक्स 0.95 फीसदी या 170.75 अंक गिरकर 17,785 के स्तर पर आ गया था।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वीके विजयकुमार ने बताया, “बाजार में पिछले कुछ दिनों में आई तेजी से निफ्टी जून के अपने निचले स्तर से 18% ऊपर चढ़ गया। हालांकि अब यहां से इस मोमेंटम को कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल कुछ मुनाफावसूली और पैसों को फिक्स्ड इनकम में ट्रांसफर करने को एक छोटी-अवधि की रणनीति के तौर पर देखा जा सकता है।”

आइए जानते हैं कि आज बाजार में किन वजहों से गिरावट आई-

यूएस डॉलर इंडेक्स में तेजी (US dollar index rises):

करीब 2 महीनों की कमजोरी के बाद अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में आई हालिया तेजी ने शेयर बाजार के तेजड़ियों को थोड़ा हैरान किया है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स फिलहाल बढ़कर 107.6 पर पहुंच गया है, जो इसका पिछले एक महीने का सबसे ऊंचा स्तर है। यह तेजी अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के सदस्यों ने की उन टिप्पणियों के बाद आई है, जिसमें उन्होंने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गति आने वाले समय में धीमी होने की बाजार की उम्मीदों के खिलाफ बयान दिया है। अमेरिकी डॉलर में मजबूती का भारत जैसे उभरते देशों के शेयर बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ता है क्योंकि इससे निवेशक बाजार से पैसा बाहर निकालते लगने लगते हैं।

ब्याज दरों में बढ़ोतरी के धीमे होने का संकेत नहीं (No sign of slowing interest rate hike):

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को यह भरोसा होता दिख रहा है कि उसकी तरफ से ब्याज दरों की गई बढ़ोतरी ने महंगाई को अप्रैल महीने के बाद कम करने में मदद की है। हालांकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अभी तक ऐसा कोई भरोसा नहीं दिखाया है, जबकि जुलाई महीने में अमेरिकी में रिटेल महंगाई दर कुछ कम हुई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के दो सदस्यों ने गुरुवार 18 अगस्त को दिए एक बयान में कहा कि वह सितंबर में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी का समर्थन करेंगे।

विंडफाल टैक्स (windfall tax):

सरकार ने डीजल और हवाई जहाजों में इस्तेमाल होने वाले एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के एक्सपोर्ट पर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाने का फैसला किया है। निवेशकों और ऑयल कंपनियों (खासतौर से रिलायंस इंडस्ट्रीज) के लिए यह फैसला थोड़ा हैरानी भरा था। बेंचमार्क इंडेक्स में सबसे अधिक वेटेज रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्री (RIL) के शेयरों में शुक्रवार को कारोबार के दौरान 1.3 फीसदी की गिरावट देखी गई और निफ्टी-50 इंडेक्स में यह आज सबसे अधिक गिराने वाले शेयरों में शामिल रहा।

वैल्यूएशन (Valuation):

सेंसेक्स और निफ्टी में जून के निचले स्तर से करीब 18 फीसदी की तेजी आ चुकी है। जून तिमाही के कंपनियों के शानदार नतीजों ने इस तेजी को और बढ़ाने में मदद की। इसके साथ ही भारतीय शेयर बाजार एशिया के सबसे अधिक वैल्यूएशन वाले बाजारों में से एक बन गया है। वीके विजयकुमार ने बताया, “वैल्यूएशन का ऊंचा स्तर बाजार में और तेजी का वाजिब नहीं ठहराता है।”

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