Thursday, October 5, 2023
Homeधर्म- विशेषसावन में नंदी बाबा की बरसती है खास कृपा , कर देते...

सावन में नंदी बाबा की बरसती है खास कृपा , कर देते है हर मनोकामना पूरी , बस करना होगा ये उपाय

सावन में नंदी बाबा की बरसती है खास कृपा , कर देते है हर मनोकामना पूरी , बस करना होगा ये उपाय, भगवान शिव का प्रिय माह सावन चल रहा है और शिवभक्त अपने आराध्य को प्रसन्न करने पुरे माह पूजा अर्चना करते है। इस दौरान कई सारे भक्त शिव मंदिर में भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने जाते हैं, वहीं शिव मंदिर में सबसे पहले दर्शन यदि किसी के होते हैं तो वो हैं शिव जी के प्रिय वाहन नंदी के। अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग शिवलिंग के सामने बैठे नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते हैं। ये एक परंपरा बन गई है। इस परंपरा के पीछे की वजह एक मान्यता है। सावन में जिस तरह भगवान शिव की अपने भक्तो पर खास कृपा होती है और वो सभी की मनोकामना पूरी करते है उसी तरह उनके प्रिय नंदी बाबा (Nandi ) भी सभी पर खास कृपा करते है। भगवान शिव के वाहन नंदी को भी बहुत महत्‍वपूर्ण दर्जा दिया गया है इसलिए हर शिव मंदिर में नंदी जरूर होता है. माना जाता है कि नंदी के कान में मनोकामना बोलने से वह जल्‍द पूरी होती है.

नंदी भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक हैं. नंदी महाराज हर समय भगवान शंकर के साथ रहते हैं. यही वजह है कि हर शिव मंदिर में द्वारपाल के तौर पर नंदी जरूर विराजमान रहते हैं. साथ ही नंदी की पूजा किए बिना शिव जी की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है. अक्‍सर देखा होगा कि शिव मंदिर जाने वाले लोग नंदी के कान में कुछ बोलते हैं. नंदी के कान में धीरे से अपनी मनोकामना बोली जाती है. माना जाता है कि नंदी के कान में मनोकामना बोलने से मनोकामना जल्‍द पूरी हो जाती है. लेकिन सभी के साथ ऐसा नहीं होता है. ऐसी स्थिति में जरूरी है कि नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका जान लें.

यह भी पढ़ें :खेत में लगे पेड़ों के नीचे की ख़ाली पड़ी ज़मीन का ऐसे करे इस्तेमाल,इसकी खेती से होगी पुरे साल कमाई

क्या है मान्यता

image 1364

मान्यता है जहां भी शिव मंदिर होता है, वहां नंदी की स्थापना भी जरूर की जाती है क्योंकि नंदी भगवान शिव के परम भक्त हैं। जब भी कोई व्यक्ति शिव मंदिर में आता है तो वह नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहता है। इसके पीछे मान्यता है कि भगवान शिव तपस्वी हैं और वे हमेशा समाधि में रहते हैं। ऐसे में उनकी समाधि और तपस्या में कोई विघ्न ना आए। इसलिए नंदी ही हमारी मनोकामना शिवजी तक पहुंचाते हैं। इसी मान्यता के चलते लोग नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहते हैं।

भगवान शंकर के ही अवतार हैं नंदी

image 1363

शिलाद नाम के एक मुनि थे, जो ब्रह्मचारी थे। वंश समाप्त होता देख उनके पितरों ने उनसे संतान उत्पन्न करने को कहा तो शिलाद मुनि ने भगवान शिव की प्रसन्न कर मृत्युहीन पुत्र कि मांगा रखी। भगवान शिव ने शिलाद मुनि को ये वरदान दे दिया। एक दिन जब शिलाद मुनि भूमि जोत रहे थे, उन्हें एक बालक मिला। शिलाद ने उसका नाम नंदी रखा। एक दिन मित्रा और वरुण नाम के दो मुनि शिलाद के आश्रम आए। उन्होंने बताया कि नंदी अल्पायु (जिसकी कम उम्र में होती है मृत्यु) हैं। यह सुनकर नंदी महादेव की आराधना करने लगे। प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और कहा कि तुम मेरे ही अंश हो, इसलिए तुम्हें मृत्यु से भय कैसे हो सकता है? ऐसा कहकर भगवान शिव ने नंदी का अपना गणाध्यक्ष भी बनाया।

यह भी पढ़े :यंहा पर दहेज़ में दूल्हे को दिए जाते है 21 जहरीले सांप , ऐसा न करने पर टूट सकती है शादी , जानिए इसके…

नंदी के कान में अपनी समस्या या मनोकामना कहने के कुछ नियम होते हैं

Add a heading 9 1

धर्म-शास्‍त्रों में नंदी के कान में मनोकामना बोलने का सही तरीका बताया गया है. इस तरीके को अपनाया जाए तो मनोकामना जल्‍द पूरी होती है.

शिव मंदिर जाएं तो नंदी की पूजा जरूर करें. बिना नंदी की पूजा किए केवल शिवलिंग की पूजा करने से पूरा का पूरा पुण्‍य नहीं मिलता है.
शिवलिंग की पूजा करने के बाद नंदी के सामने दीपक जरूर जलाएं. साथ ही शिव जी के साथ-साथ नंदी जी की आरती भी करें.

पूजा-आरती करने के बाद किसी से बातचीत ना करें और नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोल दें. माना जाता है कि शिव जी ज्‍यादातर समय तपस्‍या ही करते रहते हैं और उनकी तपस्‍या में विघ्‍न ना पड़े इसलिए लोग अपनी समस्‍या नंदी के कान में बोलकर चले जाते हैं और वह शिवजी तक पहुंच जाती हैं.

image 1365

साथ ही यह भी मान्यता है कि शिवजी ने नंदी जी को खुद ये वरदान दिया था की जो व्‍यक्ति तुम्हारे कान में अपनी मनोकामना कहेगा, उसकी इच्‍छा जरूर पूरी होगी.

नंदी के कान में मनोकामना बोलते समय ध्‍यान रहे कि मनोकामना बाएं कान में बोलें. इसमें मनोकामना बोलना ज्‍यादा शुभ माना जाता है.

कभी भी नंदी के कान में ऐसी मनोकामना ना कहें, जिससे किसी का बुरा या अहित हो.

RELATED ARTICLES