सरसो के खेतो में इन उर्वरक के प्रयोग से किसान की किस्मत में लगेंगे चार चाँद, जानिए कैसे किसान सरसो की खेती की अच्छी पैदावार के लिए आप डीएपी न डालकर सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक का प्रयोग करे तो सरसो की पैदावार दोगुनी हो जाएगी सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक सरसो के खेत में समय पर करे तो किसान को अधिक मुनाफा होगा डीएपी के दाम अधिक होने के करन सिंगल सुपर फास्फेट कम कीमत पर मिल जायेगा किसान अच्छे खादों का उपयोग करे तो अधिक मुनाफा होगा अन्य खादों के मुकाबले अगर आप खेतो में गल सुपर फास्फेट खाद का प्रयोग करे तो आमदनी में वृद्धि होती है हलाकि की सरसो के किस्मो पर भी निर्भर करता है
कृषि विशेषज्ञ की सलाह
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कृषि विशेषज्ञ की मने तो अच्छे किस्मो की सरसो और अच्छे खाद का प्रयोग करे तो अधिक पैदावार के साथ अधिक मुनाफा होगा कृषि विशेषज्ञ की मने तो आप सिंगल सुपर फास्फेट खाद का प्रयोग करने पर सरसो की फसल में सभी खाद के पोषक तत्व सिंगल सुपर फास्फेट आपको एक ही खाद में मिल जाते है इसलिए कृषि विभाग सरसो के खेत में खाद को डालने सलाह देता है
खाद में अंतर क्या है
कृषि विभाग की माने तो यूरिया की जगह डीएपी डालना चाहिए और यूरिया की जगह डीएपी डालना चाहिए इस खाद में आपको सल्फर, कैल्शियम मौजूद होता है सिंगल सुपर फास्फेट में नाईट्रोजन की मात्रा जीरो परसेंट होती है इसलिए सरसो के खेतो में सिंगल सुपर फास्फेट डालना चाहिए
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खाद में नाइट्रोजन प्रतिशत की मात्रा
सिंगल सुपर फास्फेट में सिर्फ 16 फीसदी होता है ,डीएपी में 46 फीसदी फास्फोरस रहता है मतलब डीएपी की तुलना में सिंगल सुपर फास्फेट में फास्फोरस 30 परसेंट कम होता है इसलिए डीएपी कम डालना चाहिए और सरसो के खेत में यूरिया खाद का प्रयोग जरूर से करे क्योंकी सरसो की खेती की पैदावार अधिक होती है