कुंबी समाज के युवाओं ने अपनी संस्कृति और विरासत को बचाने के लिए किया सम्मेलन वरिष्ठों से मिला मार्गदर्शन, युवा दिवस पर समाज के युवाओ को एकजुट कर कुन्बी संस्कृति के बारे में अवगत कर, स्वामी विवेकान्द जी के जन्मदिवस पर क्षत्रिय लोणारी कुन्बी समाज संगठन भारत में युवाओ ने हमारी संस्कृति और परिपाट का बोध करवा कर जाग्रत किया।
हमारी संस्कृति हमारी विरासत, संगठन के माध्यम से युवाओ ने अपने समाज और अपने मराठी बंधुओ को एक जुट कर आपने सामाजिक दाइत्व की ओर युवाओ को जागरूक करने का प्रयास किया गया,जहा युवाओ को अपने पहनावे में आने का अनुग्रह कर आमनत्रित किया गया साथ ही हल्दी कुमकुम का समारोह भी रखा गया।
मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ

श्री अशोक जी महाले(समाज सेवी कंस्ट्रक्शन बिज़नेस)विलाश जी गावंडे(mpeb assistant engineer)धनराज जी कोसे( working in BHEL) दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया,साथ ही अपने जीवन ने अनुभवो से युवा का मार्गदर्शन किया।
युवाओ ने समाज कल्याण के विचारो से कराया अवगत

इस प्रोग्राम का युवाओ ने खूब आनंद लेते हुए अपना परिचय दिया साथ ही समाज के विकास के लिए अपने विचार और मत बंधुओ के साथ बाटे,तथा अपने नविन संस्कृति,विचारो से लोगो को अवगत कराया,समाज के सयोजन के उपाय, उदेश्य और नविन विचारो के साथ अपनी संस्कृति को लेकर कैसे जीवन वायप करे इसके बारे में सवाद किया।अपनी भाषा और पहनावे को पहने में शर्म न करे और सामाजिक संस्कारो को आज कल के समय में कैसे बचा कर,कैसे जीए इन महत्वपूर्ण विषयो पर संवाद किया गया।
इन मुख्य बिन्दुओ पर कार्यक्रम हुआ सफल
1 कार्यक्रम संचालन पूर्ण रूप से मराठी भाषा मे संचालित किया गया।
2 सर्वप्रथम मुख्य तिराहे से कार्यक्रम स्थल तक प्रातः 6 बजे चुने से रेखांकन किया गया।
3 पार्किंग स्थल पर भी वाहन व्यवस्थाओं के लिये रेखांकन एवं सूचना पत्रक लगाया गया।
4 मार्ग के मध्य दिशा सूचना पत्रक लगायें गये।
5 स्थान के लिये सभी को गूगल मेप पर लोकेशन शेयर की गई।
6 कार्यक्रम की साज सज्जा कार्यकर्ताओ के माध्यम से की गई।
7 चाय, नाश्ते (चाय एवं समोसे) की व्यवस्था को अलग अलग कार्यकर्ताओ को दी गई।
8 कार्यक्रम में वरिष्ठों के अतिरिक्त एक युवा आगन्तुक को स्थान दिया गया।
9 टीम से किसी भी युवा को मंच पर बैठने की व्यवस्था नही थी।
10 फोटोग्राफी, पंजीयन, तिलक, टोपी वितरण, पदवेश व्यवस्था, वाहन व्यवस्था, मंच संचालन, सत्र विभाजन प्रमुख, अल्पाहार प्रमुख, डिजिटल आईटी प्रमुख जैसी छोटी – 2 व्यवस्थाओं के लिए कार्यकर्ता तय थे।
11 कार्यक्रम की सबसे विशेष बात रही कि कार्यक्रम तय समय 10:30 बजे शुरू हो चुका था एवं विसर्जन मंत्र 12:30 तय समय पर किया गया।
12 कार्यक्रम संख्या के लिये गट व्यवस्था की गई थी जिसके अनुसार संख्या रही प्रत्येक कार्यकर्ता को 10 लोगो की चिंता करने को कहाँ गया था।
13 वरिष्ठजनो का भी सान्निध्य मिला।
14 कार्यक्रम में सभी युवाओं ने अपनी बात रखी।
15 कार्यक्रम के बाद अल्पाहार की व्यवस्था थी।
16 जिसमें एक समौसा, एक तिल्ली का लड्डू एवं एक चाय थी।
17 कम से कम डिस्पोजल का प्रयोग किया गया डिस्पोजल की जगह तांबे के पात्र जल ग्रहण के लिए रखें गये।
18 फ्लेक्स पर कोई दिनाँक नही डाली इसलिये समाज के अन्य कार्यक्रर्मो में कुछ सुधार कर फ़्लेक्स का प्रयोग किया जा सकता है।
19 सभी युवाओं का फीडबैक बहुत ही अच्छा रहा।
20 नये विचारों पर युवाओं के बीच कार्य किये जायेंगे।
21 साज सज्जा की सुंदरता बढ़ाने के लिए बहनों द्वारा रंगोली बनाई गईं। ।
22 कार्यक्रम में 70% लोगो ने मराठी भाषा मे संवाद करने का प्रयास किया।
23 संघ द्वारा पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के अंतर्गत एक पेड़ देश के नाम अभियान का विषय रखा गया।

केंद्रीय क्षत्रिय लोणारी कुन्बी समाज संगठन भारत के कार्यक्रम आयोजक
श्री नविन बोडखे, सतीश वराठे,राकेश देशमुख,नविन धोटे, दुपेन्द्र झरबड़े,भूपेंद्र बोडखे युवाओ के द्वारा रामजानकी मंदिर अवधपुरी भोपाल में आयोजित किया गया था।