Sangri ki kheti: सांगरी की खेती कर चंद समय में ही हो जाओगे अमीर, काजू बादाम से बिकती है महँगी…

By Alok Gaykwad

Published on:

Follow Us

Sangri ki kheti: सांगरी की खेती कर चंद समय में ही हो जाओगे अमीर, जाने खेती करने का आसान तरीका। सांगरी एक अनोखी सब्जी है, जो रेतीले और सूखे इलाकों में उगती है। बरसात के दिनों में इसकी बेल तेजी से बढ़ने लगती है। असल में सांगरी कैर के साथ मिलकर बनने वाली सब्जी होती है, इसीलिए इसे कैर-सांगरी की सब्जी के नाम से जाना जाता है।

यह भी पढ़े : – ये स्पोर्टी लुक स्कूटी को 30 हजार से कम कीमत में खड़ी करे अपने घर के आँगन में, जाने पूरी डिटेल्स…

सेहत के लिए फायदेमंद है सांगरी

सांगरी को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। इसकी लगातार मांग बाजार में रहती है और कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इसकी कीमत 1000 रुपये किलो तक पहुंच जाती है। इस बार बेमौसम बारिश के कारण सांगरी का उत्पादन काफी कम हो गया है, जिसके चलते इसकी कीमत भी बढ़ गई है। आम तौर पर काजू-बादाम की कीमत 800 रुपये किलो के आसपास होती है, वहीं सांगरी 1200 से 1400 रुपये किलो तक बिक रही है।

यह भी पढ़े : – केले की खेती में सफल होना है तो जाने ले ये रोग के खतरनाक लक्षण और रोग का जैविक नियंत्रण…

क्या है सांगरी?

सांगरी एक फलियां होती है, जो खेजरी के पेड़ से प्राप्त होती है। खेजरी एक ऐसा पौधा है जो शुष्क इलाकों में उगता है, इसलिए इसकी सबसे ज्यादा संख्या राजस्थान में पाई जाती है। ताजी सांगरी का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जाता है। इन्हें सुखाकर भी रखा जा सकता है, ताकि सालभर इनका इस्तेमाल किया जा सके। सांगरी की सब्जी अकेले या फिर कैर के साथ बनाई जाती है। पंचकुटा सब्जी में भी सांगरी का इस्तेमाल होता है। पंचकुटा सब्जी को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली हुई है और इसे फाइव स्टार होटलों में भी परोसा जाता है। इस सब्जी को बनाने में सांगरी के साथ चार तरह की अन्य सब्जियों की जरूरत होती है, जिनमें कॅair, कुम्हटिया, गोंडा और साबुत लाल मिर्च शामिल हैं।

सांगरी में पाए जाने वाले पोषक तत्व

सांगरी में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, फाइबर, आयरन और जिंक अच्छी मात्रा में सांगरी में पाए जाते हैं। सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ सांगरी का स्वाद भी लाजवाब होता है। कोरोना काल के बाद से लोगों के बीच इस सब्जी की मांग काफी बढ़ गई है, क्योंकि इसके पोषक तत्व इम्यूनिटी पावर बढ़ाने में मददगार माने जाते हैं।

कैसे होती है सांगरी की खेती?

सांगरी एक ऐसी सब्जी है, जिसकी खेती करने की दरअसल जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि ये प्राकृतिक रूप से उगती है। इसकी फसल के लिए किसी भी तरह के कीटनाशक या दवा की जरूरत नहीं होती है और न ही खाद की आवश्यकता होती है। यह सब्जी प्राकृतिक रूप से खेजरी के पेड़ पर उगती है। लेकिन बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ती देख कई किसान अब सांगरी की खेती करने लगे हैं। ज्यादातर किसान इसकी खेती के लिए खास तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। खेजरी की खेती ग्राफ्टिंग विधि से की जाती है।

किसान अच्छी क्वालिटी के बीजों से खेजरी के पेड़ की बुवाई कर सकते हैं। इसके बीजों के अंकुरित होने के बाद तैयार पौधे के आसपास खेतों में खेजरी के पेड़ की टहनी को तोड़कर बीज वाले पौधों की कलमबंदी करनी चाहिए। गौर करने वाली बात ये है कि खेजरी की बुवाई के तीन साल बाद जब इसका पौधा 4 से 5 फीट का हो जाता है