कानपुर समेत देश के कई इलाकों में लगातार नीचे जा रहा है जलस्तर. इससे परेशान हैं किसान. फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है, जिससे सूख रही हैं फसलें और हो रहा है किसानों को नुकसान. ऐसे में किसानों की मेहनत बचाने के लिए सरकार दे रही है ड्रिप और स्प्रिंकलर सेट पर भारी सब्सिडी.
यह भी पढ़े- Mahindra के तोते उड़ा देंगी Hyundai की दमदार SUV, लक्ज़री फीचर्स और शक्तिशाली इंजन के साथ देखे कीमत
कम होता जलस्तर, बढ़ता है नुकसान
पानी की कमी सिर्फ कानपुर ही नहीं बल्कि देश के कई इलाकों में एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. उत्तर प्रदेश के कन्नौज में भी घटते जलस्तर की वजह से कई तरह की फसलों में किसानों को नुकसान हो रहा है. अब सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिससे किसानों को उनकी जरूरत का पानी मिल सके. साथ ही पानी की बर्बादी भी रुकेगी और फसलों को भी पर्याप्त मात्रा में पानी मिलेगा. इससे किसानों का नुकसान कम होगा और मुनाफा बढ़ेगा. इसके लिए ड्रिप मोर क्रॉप योजना के तहत किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर पर भारी सब्सिडी मिलेगी. इस योजना का फायदा उठाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.
कैसे करें रजिस्ट्रेशन
योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान dbt.uphorticulture.in departmental पोर्टल पर आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, एक फोटो और मोबाइल नंबर के साथ रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. रजिस्ट्रेशन में किसी भी तरह की समस्या होने पर आप बताए गए दस्तावेजों के साथ विकास भवन, कन्नौज स्थित कार्यालय में जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है.
कैसे और किसे मिलेगा लाभ
इस योजना का नाम है ड्रिप मोर क्रॉप. इस योजना में आवेदन करने पर किसान को ड्रिप और स्प्रिंकलर पर भारी सब्सिडी मिलेगी. इस योजना के लाभार्थी किसानों को स्प्रिंकलर और ड्रिप पर 80 से 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलेगी. यानी किसानों को खुद सिर्फ 10 से 20 प्रतिशत राशि ही लगानी होगी. बाकी रकम सरकार देगी. बता दें कि 2 हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को 90 फीसदी और दो हेक्टेयर से ज्यादा जमीन वाले किसानों को 80 फीसदी सब्सिडी मिलेगी.
क्या है ड्रिप/स्प्रिंकलर
ड्रिप और स्प्रिंकलर एक खास तरह के उपकरण होते हैं. इनका इस्तेमाल उन फसलों में बहुत फायदेमंद होता है, जिन्हें ज्यादा पानी की जरूरत होती है. इनके जरिए फसल तक उसकी जरूरत के हिसाब से ही पानी पहुंचता है और फसल को अच्छा फायदा मिलता है. इसके लिए किसान टमाटर, मिर्च, बैंगन, भिंडी, अमरूद, केला आदि दूर-दूर लगाई जाने वाली फसलों की सिंचाई ड्रिप पद्धति से करें. वहीं गेहूं, चना, दलहन जैसी घनी फसलों की सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर पद्धति का इस्तेमाल कर किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके इस्तेमाल से पानी बर्बाद नहीं होता है और कम पानी में भी फसलों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है.