रीढ़ की हड्डी की तकलीफ से हमेशा के लिए मिलेंगी राहत, जाने सर्जरी के क्या है फायदे

By सचिन

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रीढ़ की हड्डी की तकलीफ से हमेशा के लिए मिलेंगी राहत, जाने सर्जरी के क्या है फायदे

रीढ़ की हड्डी की तकलीफ से हमेशा के लिए मिलेंगी राहत, जाने सर्जरी के क्या है फायदे हम आपको बता दे की अगर आपकी रीढ़ की हड्डी मे तकलीफ है तो आप सर्जरी कर कर इससे राहत पा सकते है, आपको बता दे की एंडोस्कोपिक सर्जरी आधुनिक युग में एंडोस्कोपिक सर्जरी का चलन काफी बढ़ गया है। इस ऑपरेशन से पीठ की बीमारियों के इलाज में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

रोग और स्पाइनल स्टेनोसिस जैसी समस्याएं

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हम आपको बटा दे की सबसे ज्यादा जरूरी है रीड की हड्डी इसके लिए आपको बता दे की मानव शरीर में रीढ़ की हड्डी एक महत्वपूर्ण अंग है। यह शरीर की संपूर्ण संरचना को बनाए रखता है। लेकिन आज लोग रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कई बीमारियों से पीड़ित हैं। इनमें डिस्क रोग और स्पाइनल स्टेनोसिस जैसी समस्याएं काफी आम हो गई हैं। ये बीमारियाँ जीवन को कठिन बना देती हैं। इसलिए रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कतें आती हैं। पहले ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए ओपन सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी ने ऐसी बीमारियों के इलाज में पूरा खेल बदल दिया है।

एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी

डॉक्टरों के मुताबिक, एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एक बेहद सटीक सर्जिकल तकनीक है। डॉ. सीके बिड़ला अस्पताल में स्पाइन सर्जरी के निदेशक अरुण भनोट ने कहा कि एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी में चीरा बहुत छोटा होता है। इसका फायदा यह होता है कि मरीज बहुत जल्दी ठीक हो जाता है। मरीज़ तेजी से ठीक हो जाते हैं और पारंपरिक सर्जरी की तुलना में ऑपरेशन का समय बहुत कम होता है। इस सर्जरी के और भी कई फायदे हैं। इस सर्जरी से मरीज को बहुत कम निशान पड़ते हैं और शरीर को बहुत कम नुकसान होता है, इस ऑपरेशन के दौरान संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है।

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अपने डॉक्टर से संपर्क करें

इस प्रक्रिया से हर्नियेटेड डिस्क और पीठ के संक्रमण जैसी स्थितियों का आसानी से इलाज किया जाता है, और एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के साथ, रोगियों को अस्पताल में बहुत कम समय तक रहना पड़ता है, मरीज केवल एक या दो दिन ही अस्पताल में रह सकते हैं, फायदा यह है कि एंडोस्कोपिक सर्जरी की लागत अब पहले की तुलना में कम हो गई है और रीढ़ से संबंधित बीमारी होने पर मरीज इस सर्जरी से गुजर सकते हैं, रीढ़ से संबंधित सभी स्थितियों में इस सर्जरी की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, इस प्रकार की सर्जरी की योजना डॉक्टर की सिफारिश के बाद ही बनाई जानी चाहिए।