Ratna Shastra: रत्न शास्त्र का ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है। रत्नों से जुड़े विज्ञान को ही रत्न शास्त्र कहा जाता है। यह माना जाता है कि रत्नों को सही तरीके से धारण करने पर जातक के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। ज्योतिषीय सलाह के अनुसार रत्न धारण करने से जीवन की कई समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है। रत्न शास्त्र में हर व्यक्ति के लिए उसकी जन्मकुंडली के आधार पर अलग-अलग रत्न निर्धारित किए गए हैं। इस तरह से रत्न धारण करने से जातक जीवन की कई बड़ी समस्याओं से निजात पा सकता है। आइए जानते हैं कौन से रत्न व्यक्ति की सोई हुई किस्मत को जगा सकते हैं।
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1. फ़िरोज़ा रत्न (Turquoise Gemstone):
- फ़िरोज़ा रत्न आसमानी नीले या हरे-नीले रंग का होता है।
- इसे सबसे पुराने रत्नों में से एक माना जाता है।
- इसे माला और अंगूठी दोनों के रूप में पहना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि यह रत्न धारण करने से जातक को ज्ञान और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- इसके साथ ही यह आत्मविश्वास में भी वृद्धि करता है और करियर में तरक्की के भी chances बनते हैं।
फ़िरोज़ा धारण करने के नियम (Rules for Wearing Turquoise):
- फ़िरोज़ा रत्न को गुरुवार के दिन किसी शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए।
- रत्न शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार फ़िरोज़ा रत्न को चांदी या पंचधातु से बनी अंगूठी में धारण करना चाहिए।
- यह रत्न कला के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए धारण करना अधिक उत्तम माना जाता है।
2. पुखराज रत्न (Topaz Gemstone):
- ज्योतिष के अनुसार पुखराज रत्न गुरु ग्रह का कारक माना जाता है।
- अगर कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत हो तो जातक को जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
- ऐसी स्थिति में कुंडली में गुरु की स्थिति को मजबूत करने के लिए पुखराज रत्न धारण करना उत्तम माना जाता है।
पुखराज धारण करने के नियम (Rules for Wearing Topaz):
- जब किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह छठे, आठवें और बारहवें स्थान में हो तो पुखराज रत्न धारण नहीं करना चाहिए।
- इससे जातक को धन का Verlust हो सकता है।
- वहीं अगर कुंडली में धनु लग्न या मीन लग्न हो तो पुखराज धारण किया जा सकता है।
- पुखराज रत्न को चांदी या सोने के धातु में जड़वाकर तर्जनी अंगुली में धारण करना चाहिए।
- इसे धारण करने के लिए गुरुवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है।
ध्यान दें (Please Note): रत्न धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। रत्न शास्त्र काफी जटिल विषय है और हर रत्न हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता।