Rakshabandhan: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक, जानिए कब है रक्षा बंधन और रक्षाबंधन से जुड़ी मान्यता

By charpesuraj5@gmail.com

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Rakshabandhan: रक्षाबंधन भाई-बहन के अनोखे प्रेम का प्रतीक है। हर साल सावन महीने की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि इस बार रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा और इससे जुड़ी कुछ पौराणिक मान्यताएं क्या हैं?

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रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और उनसे रक्षा का वचन लेती हैं. यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत बनाता है और उनके प्यार और विश्वास को और गहरा करता है.

रक्षाबंधन कब है?

इस साल सावन पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को भोर 3:04 बजे शुरू होकर 19 अगस्त को रात 11:55 बजे समाप्त हो जाएगी. ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त को ही मनाया जाएगा.

भद्रकाल में राखी नहीं बांधी जाती

रक्षाबंधन के पर्व पर भद्रकाल में राखी नहीं बांधी जाती है. मान्यताओं के अनुसार, भद्रकाल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि भद्रकाल में राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में कड़वाहट आ सकती है. इसलिए भाई-बहनों को शुभ मुहूर्त में ही राखी बांधनी चाहिए. साथ ही, जहां भी शुभ और मांगलिक कार्य, यज्ञ और अनुष्ठान भद्रकाल में किए जाते हैं, वहां परेशानियां खड़ी होने लगती हैं.

रक्षाबंधन से जुड़ी मान्यता

रक्षाबंधन से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं. एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, महाभारत में जब भगवान श्रीकृष्ण की उंगली कट गई थी, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनके घाव पर बांधा था. इस पर श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा का वचन दिया था.