राजस्थान का खजाना कहलाती है ये औषधीय गुणों से भरपूर केर-संगरी, जाने खाने के फायदे और कीमत…

By Alok Gaykwad

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Ker Sangri: राजस्थान का खजाना कहलाती है ये औषधीय गुणों से भरपूर केर-संगरी, जाने खाने के फायदे और कीमत…हरी सब्जियां सेहत के लिए तो फायदेमंद होती ही हैं, लेकिन कुछ हरी सब्जियों में तो ऐसे औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जो आपको हैरान कर देंगे. उन्हीं में से एक अनोखी सब्जी है – केर-संगरी. ये ना सिर्फ राजस्थान के पारंपरिक खाने का लज़ीज़ हिस्सा है, बल्कि इसकी सबसे खास बात ये है कि इसे उगाने के लिए किसी खास मेहनत की ज़रूरत नहीं पड़ती. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! केर-संगरी बिना खाद और पानी के भी उग आती है.

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आजकल केर-संगरी की डिमांड पूरे देश में तेजी से बढ़ रही है. पहले ये सिर्फ राजस्थान में ही खाई जाती थी, लेकिन अब देश के दूसरे राज्यों में भी लोग इसके स्वाद और फायदों के दीवाने हो रहे हैं. राजस्थान में तो केर-संगरी की सब्जी को बड़े चाव से खाया जाता है. तो चलिए अब जानते हैं इस खास सब्जी की कीमत और उसके फायदों के बारे में.

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केर-संगरी के फायदे

केर-संगरी सिर्फ स्वाद ही नहीं बढ़ाती बल्कि ये आपके शरीर को भी अंदर से मजबूत बनाती है. इसमें विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.

इतना ही नहीं, ये एक एंटीऑक्सीडेंट भी है जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. अगर आप लंबे समय से सर्दी-जुकाम से परेशान हैं तो इसके डंठल से पाउडर बनाकर खाने से आराम मिल सकता है. केर-संगरी खाने से एनीमिया जैसी बीमारी और हड्डियों में दर्द जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है.

केर-संगरी की कीमत

ताजा केर-संगरी की कीमत 100 से 200 रुपये प्रति किलो के बीच होती है.
बड़े शहरों तक पहुंचते- पहुंचते ये 400 से 500 रुपये किलो तक पहुंच जाती है.
लेकिन इसकी खासियत ये है कि आप इसे सुखाकर साल भर के लिए सुरक्षित रख सकते हैं.
सूखी केर-संगरी की कीमत ताजा वाली के मुकाबले 5 गुना ज्यादा होती है. सूखी केर-संगरी 1200 से 1500 रुपये किलो तक बिकती है.

केर-संगरी का इस्तेमाल

केर-संगरी का पौधा ज्यादातर राजस्थान में पाया जाता है. इस पौधे पर छोटे हरे फल लगते हैं, जिनका सब्जी बनाने से लेकर अचार बनाने तक हर काम में इस्तेमाल किया जाता है गौर करने वाली बात ये है कि संगरी सिर्फ सूखी ही नहीं बल्कि सिर्फ सूखी जगहों पर ही पाई जाती है, इसलिए इसे ‘डेजर्ट बीन’ भी कहा जाता है.

इसका सूखा हुआ रूप आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खों में भी इस्तेमाल किया जाता है. केर-संगरी की खेती – एक दिलचस्प बात
आपको जानकर शायद तातचुब होगा कि केर-संगरी की खेती नहीं की जाती है. जी हां, ये बिल्कुल सच है!

दरअसल, केर-संगरी की झाड़ियां रेतीली मिट्टी और जंगलों में अपने आप उग आती हैं. कम पानी और बिना खाद के भी ये जिंदा रह सकती है.
ऐसे में किसानों को इसकी खेती करने की ज़रूरत नहीं पड़ती. हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने एक खास तकनीक से केर-संगरी उगाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।