मटर की खेती से मालामाल हुआ किसान, सोमारू मौर्य ने पेश की सफलता की नई मिसाल

खेती को अगर सही तरीके और सूझबूझ के साथ किया जाए, तो यह घाटे का सौदा नहीं बल्कि मुनाफे की गारंटी बन सकती है। इसी बात को सच कर दिखाया है प्रगतिशील किसान सोमारू मौर्य ने। परंपरागत खेती से हटकर मटर की खेती (Green Pea Farming) अपनाने के उनके फैसले ने उनकी आर्थिक स्थिति को पूरी तरह बदल दिया है। आज वे इस खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं और क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
परंपरागत खेती से नहीं मिल रहा था बड़ा मुनाफा
किसान सोमारू मौर्य पहले धान और अन्य पारंपरिक फसलों पर ही निर्भर थे। इसमें मेहनत तो पूरी लगती थी, लेकिन लागत के मुकाबले मुनाफा सीमित ही रहता था। कई बार मौसम की मार और बाजार में सही दाम न मिलने से आर्थिक तंगी बनी रहती थी। ऐसे में उन्होंने खेती के पैटर्न को बदलने का साहसिक निर्णय लिया और सब्जी उत्पादन, विशेषकर मटर की खेती की ओर रुख किया।
मटर की फसल ने बदली किस्मत
सोमारू ने उन्नत किस्म के बीजों का चयन किया और आधुनिक तकनीक से मटर की बुवाई शुरू की। उन्होंने खेत की तैयारी से लेकर खाद और सिंचाई तक में विशेषज्ञों की सलाह का पालन किया। उनकी मेहनत रंग लाई और खेत में हरी मटर की बंपर पैदावार हुई। स्थानीय मंडियों में मटर की भारी मांग और अच्छे भाव मिलने के कारण उनकी आमदनी में जबरदस्त इजाफा हुआ।
लाखों में हो रही कमाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मटर की इस खेती से सोमारू मौर्य अब लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं। कम समय में तैयार होने वाली यह फसल ‘कैश क्रॉप’ (Cash Crop) के रूप में उनके लिए वरदान साबित हुई है। सोमारू का मानना है कि अगर किसान थोड़ी जागरूकता दिखाए और बाजार की मांग के अनुसार फसल चक्र में बदलाव करे, तो खेती से बेहतरीन आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
किसानों के लिए संदेश
सोमारू मौर्य की यह सफलता उन किसानों के लिए एक सीख है जो केवल एक ही ढर्रे की खेती पर निर्भर हैं। उन्होंने साबित कर दिया है कि फसल विविधीकरण (Crop Diversification) अपनाकर किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। आज आसपास के किसान भी उनसे खेती के गुर सीखने आ रहे हैं।



