पशुओं के लिए घर में करें हरे चारे की खेती,अपने पशुओ को रखे स्वास्थ्य जानिए कैसे

By सचिन

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पशुओं के लिए घर में करें हरे चारे की खेती,अपने पशुओ को रखे स्वास्थ्य जानिए कैसे,भारत एक मात्र ऐसा देश जहां सबसे ज्यादा खेती होती है ,दुनिया में बहुत से किसान पुराने तरीको से ही खेती करने के तरीका जानते है। और काफी किसानो ने तो अपने खेतों में खेती न करके काम करना शरू कर दिया है जिससे उनकी आम दानी बड सके। किसान भी जागरूक हो गए है एक किसान ने तो पशु चारे का इक नया ही तरीका निकला है उन्होंने एक एकड़ में जमीन में 500 टन घास उगाने में सफलता पाई है मीठे दूधिया बाजरे की मदद से चिंतन सिर्फ खुद शानदार कमाई कर रहे है ,बल्कि लोग अपनी जीवन शैली भी बदल रहे है।

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पशु चारे में 200 -200 किलो चौलाई सहजन का पत्ता मिलाते है जिसमें 16 % तक प्रोटीन होती है आस पास के किसानों के लिए पशुऔ के लिए बहुत ही चारे की समस्या रहती है क्युकी सर्दियों में और बरसात में पशु कही न कही से चारा प्राकतिक हो ही जाता है मगर गर्मियों में बहुत यही समस्या का सामना करना पड़ता है पशु चारे की खेती की ऑर्गेनिक फार्मिंग का नायाब उदाहरण है। हरा चारा मिलाने से समस्या हो गई है।

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वास्तव में किसान कृषि उपज की कीमत के पीछे भागते हैं production के पीछे नहीं। दुनिया में,भारत में खेतों की मिट्टी की उत्पादक क्षमता कमजोर हो गई है जिस वजह से किसान की सही से नहीं है अगर आपके खेत की मिट्टी आपको सही पैदावार नहीं देती है तो आप कम रेट पर माल बेचकर भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। कि घास चारा उगाने वाले किसान साल में 100 टन तक प्रति एकड़ उगा सकते हैं। मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर बनाकर अपने हरे चारे की पैदावार बढ़ाने की कोशिश कीजिए और उसने पहले साल ही 500 टन चारा उगाने में सफलता हासिल की है।

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हरा चारा उगाने वाले किसान आमतौर पर किसान एक बार यूरिया डालकर पानी डालकर कुछ दवाई देकर घास उगाने का काम करते थे। मिट्टी की उपज की क्षमता बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना शुरू करना चाहिए।

पशुओं केलिए हरे चारे में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होने और सब कुछ ऑर्गेनिक होने की वजह से पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और उनका दूध भी बढ़ा है।