Friday, March 31, 2023

Central Government की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर टाली राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिक अब छः हफ्ते बाद करेगी सुनवाई

Central Government की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर टाली राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिक अब छः हफ्ते बाद करेगी सुनवाई बीजेपी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी जिसमे राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग की गयी थी। उस पर अब सुप्रीम कोर्ट 6 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।

Central Government की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर टाली राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिक अब छः हफ्ते बाद करेगी सुनवाई

केंद्र सरकार की अपील पर लिया फैसला

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील की तरफ से ये बात राखी गयी थी की केंद्र सरकार ने सीजेआई (CJI) की बेंच से कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के बाहर होने की वजह से इस मामले की सुनवाई अभी नही हो सकती इसलिए सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ाया जाए. शीर्ष अदालत ने सरकार की यह अपील मान ली और छह हफ्ते बाद सुनवाई की बात कही. दरअसल ‘राम सेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्थल घोषित करने की मांग बीजेपी के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने की है. उन्होंने अदालत के समक्ष याचिका दायर कर अपील की है कि इस संबंध में सरकार को निर्देश दिया जाए.

Central Government की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर टाली राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की याचिक अब छः हफ्ते बाद करेगी सुनवाई

पिछली सुनवाई में ही दाखिल करना था जवाब

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सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी बात कोर्ट के सामने रखते हुए कहा की सरकार को पिछली सुनवाई में भी इस पर आपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था. लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से इस मामले पर अभी तक कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया है.

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सरकारी वकील ने रखा अपना पक्ष

सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा किये गए इस सवाल पर सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा, ‘हमारा जवाब तैयार है. सिर्फ मंत्रालय से निर्देश लेना बाकी है. इसके बाद इस मामले पर केंद्र सरकार अपना जवाब दाखिल कर देगा. चीफ जस्टिस ने कहा, ‘आप सनवाई के लिए तैयार होकर आइए, 6 हफ्ते बाद इस मामले पर पुनः सुनवाई की जायेगी.’ वहीं, सरकार चार हफ्ते में अपना जवाब दाखिल कर देगी. इसके बाद 2 हफ्ते में सरकार के जवाब पर याचिकाकर्ता अपना जवाब दाखिल करेंगे.

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राम सेतु के अस्तित्व का सरकार ने किया समर्थन

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आपकी जानकारी के लिए बता दे की राम सेतु को एडम्स ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है। यह तमिलनाडु के दक्षिणपूर्वी तट पर पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट पर मन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर की एक श्रृंखला है. रामायण के मुताबिक, रावण की कैद से सीता को छुड़ाने के लिए भगवान श्री राम और उनकी वानर सेना ने इस रामसेतु का निर्माण किया था.

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स्वामी ने कहा में पहला चरण जीत चूका

स्वामी ने इस केस की पहली सुनवाई के दौरान कहा था कि वह इस केस का पहला चरण जीत चुके हैं, क्योकि केंद्र सरकार ने राम सेतु के अस्तित्व को माना लिया है. उन्होंने कहा था कि संबंधित केंद्रीय मंत्री ने 2017 में उनकी मांग पर विचार करने के लिए एक बैठक बुलाई थी, लेकिन इसके बाद कुछ भी नहीं हुआ.

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स्वामी ने जनहित याचिका में उठाया था मुद्दा

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स्वामी ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की पहली सरकार की ओर से शुरू की गई विवादित सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ अपनी जनहित याचिका में राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का मुद्दा उठाया था. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जहां 2007 में राम सेतु पर परियोजना के लिए काम पर रोक लगा दी गई. बाद में केंद्र सरकार ने कहा था कि उसने परियोजना के सामाजिक-आर्थिक नुकसान पर विचार किया था और राम सेतु को नुकसान पहुंचाए बिना शिपिंग चैनल परियोजना के लिए एक और मार्ग तलाश करने की कोशिश की थी.

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