निराशा के अंधेरे में उम्मीद की किरण जगाते है यह प्रेरक शब्द, जानिए

By charpesuraj5@gmail.com

Published on:

Follow Us

निराशा के अंधेरे में उम्मीद की किरण जगाते है यह प्रेरक शब्द, जानिए कई बार जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है, जहां सब कुछ निराशाजनक लगने लगता है। ऐसे वक्त में अगर कोई अपना, कोई प्रियजन कुछ प्रेरक बातें कह दे, कुछ सकारात्मक या भावुक कर देने वाली बातें कह दे, तो बोझिल लगता हुआ रास्ता भी आसान लगने लगता है। आज हम आपको वही बातें बता रहे हैं, जो किसी को भी निराशा से बाहर निकालने में मददगार हो सकती हैं।

यह भी पढ़े- Rashifal: 30 साल बाद बन रहा यह दुर्लभ राजयोग, इन राशियों पर बरसेगा शुभ फल

निराशा में ज्ञान नहीं, सहारा दें (Niraasha mein Gyaan nahi, Sahara dein)

अक्सर ऐसा होता है कि परिवार में कोई सदस्य मुश्किल दौर से गुजर रहा होता है और परिजन चाहकर भी उसकी मदद नहीं कर पाते। ऐसे में आमतौर पर हम या तो उसे ज्ञान देने लगते हैं या फिर तरह-तरह की सलाहें। लेकिन आपको बता दें कि जब किसी इंसान के अंदर नकारात्मकता आ जाती है और उसे लगने लगता है कि सब खत्म हो गया, तो वह खुद को लाचार और मजबूर समझने लगता है। ऐसे में उसे और भी ज्यादा ये बातें परेशान करने लगती हैं। तो यहां हम बता रहे हैं कि ऐसे बुरे वक्त में परिवार के रूप में आपको क्या कहना चाहिए। ये ऐसे वाक्य हैं जो किसी को भी बेहतर महसूस कराने के लिए एकदम सही हैं।

बुरे वक्त में ये 5 बातें जरूर कहें (Bure Waqt mein ye 5 baatein zaroor kahein)

  • अगर कोई व्यक्ति अपनी नौकरी से परेशान है या नौकरी के कारण डिप्रेशन में है, तो आप उससे कह सकते हैं कि वो अपनी पसंद की नौकरी ढूंढे, भले ही उसमें थोड़ी कमाई हो।
  • किसी भी मंजिल को पाने के लिए पहला कदम उठाना जरूरी होता है। उसी तरह सपना भी पूरा होता है और लक्ष्य भी हासिल होता है, ये बात आप अच्छे से जानते हैं और ये सब कर भी रहे हैं।
  • जो कुछ भी आप अपने मन में सोच रहे हैं, वो आप मुझे बता सकते हैं, क्योंकि मैं सब कुछ सुनना चाहता/चाहती हूं, वो भी बिना किसी फैसले के।
  • जिंदगी हमेशा एक जैसी नहीं चलती, अगर कुछ बुरा हो रहा है तो ये हमें बहुत कुछ सीखने का मौका देता है, ऐसे बुरे वक्त के बाद कुछ बहुत अच्छा होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति से ऐसे बर्ताव न करें (Depression se jhujh rahe vyakti se aise vyavhaar na karein)

  • उसे ये कभी न कहें कि ‘मैंने तो पहले ही कहा था कि इसमें मत पड़ो।’ ऐसा कहने से वह बचाव की मुद्रा में आ जाता है और अपनी बातें पूरी तरह से बताने में असहज महसूस करता है।
  • अगर वो अपनी समस्या बता रहा है, तो उसे ध्यान से सुनने के लिए वक्त निकालें और पूरी बात सुनें। आधी बात सुनकर बुरा बर्ताव न करें।
  • उसकी बातों से ज्यादा उसकी भावनाओं पर ध्यान दें और ऐसी बातें कहने से बचें जो उसकी भावनाओं को ठेस पहुंचाएं।

यह भी पढ़े- Nimbu ke Upay: घर और बिजनेस में लाएं सकारात्मक बदलाव ला सकता है निम्बू, जानिए इस के चमत्कारी उपाय

उसे इस स्थिति से निकलने के लिए समय दें और उसे अकेला न छोड़ें। साथ में कुछ अच्छा समय बिताएं ताकि वो बेहतर महसूस करे और अकेलेपन के जाल में न फंसे। इस तरह वह खुद को भावनात्मक परेशानी से बाहर निकालने में सफल होगा और फिर से आगे बढ़ने के लिए तैयार हो जाएगा।