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मुलताई में मांस-मदिरा की अवैध बिक्री पर रोक की मांग, बजरंग दल और हिंदू संगठनों ने प्रशासन को दी चेतावनी

On: December 19, 2025 4:28 PM
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मुलताई में पवित्र नगरी की मर्यादा बनाए रखने को लेकर बजरंग दल और विभिन्न हिंदू संगठनों ने एक बार फिर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है। शुक्रवार को संगठनों ने एकजुट होकर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) को ज्ञापन सौंपते हुए नगर में मांस, मछली, अंडा और मदिरा की अवैध बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन किया जाएगा।

संगठनों का कहना है कि राज्य शासन द्वारा मुलताई को आधिकारिक रूप से पवित्र नगरी घोषित किया गया है। यह नगर मां ताप्ती के उद्गम स्थल के कारण धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र है। इसके बावजूद, ताप्ती सरोवर से मात्र 100 मीटर की दूरी पर अंडे की दुकान संचालित होना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी आहत करता है। पूरे नगर क्षेत्र में खुलेआम मांस, मछली, मटन और मदिरा की बिक्री हो रही है, जिससे पवित्र नगरी की पहचान पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

हिंदू संगठनों ने अपने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया कि मटन मार्केट क्षेत्र में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर और नागदेव मंदिर के आसपास पहले ही मांस और मछली की दुकानों को बंद करने के आदेश दिए जा चुके हैं। बावजूद इसके, आज भी इन धार्मिक स्थलों के आसपास अवैध रूप से दुकानें संचालित हो रही हैं। इससे श्रद्धालुओं में भारी रोष है और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

संगठनों का आरोप है कि भले ही मुलताई में सरकारी मदिरा दुकानें बंद हैं, लेकिन इसके बावजूद अवैध शराब का कारोबार तेजी से फैल रहा है। इससे युवा वर्ग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और सामाजिक माहौल खराब हो रहा है। बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों ने मांग की है कि नगर में मांस, मछली, मटन, अंडा और मदिरा की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाई जाए और अवैध रूप से संचालित दुकानों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।

प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि 7 से 15 दिनों के भीतर इन गतिविधियों पर प्रभावी रोक नहीं लगाई गई, तो सभी हिंदू संगठन मिलकर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने के दौरान बजरंग दल के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और विभिन्न हिंदू संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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Kunal

विश्लेषक के तौर पर, कुणाल लगभग आठ वर्षों से देश भर की ख़बरों पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं। वह हर घटना का गहन अध्ययन करते हैं, ताकि उसके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रभावों को उजागर किया जा सके।

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