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MP Weather: मप्र में ठंड ने तोड़ा 84 साल का रिकॉर्ड, भोपाल में पारा 5.2°C; बैतूल समेत कई जिलों में शीतलहर का अलर्ट

MP Weather: मध्यप्रदेश में ठंड ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। नवंबर महीने में ही कड़ाके की ठंड ने पिछले 8 दशक के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। राजधानी भोपाल में रात का तापमान लुढ़ककर 5.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो पिछले 84 सालों में नवंबर का सबसे कम तापमान है। मौसम विभाग (IMD) ने बैतूल समेत प्रदेश के 20 से अधिक जिलों में शीतलहर (Cold Wave) का अलर्ट जारी किया है।

बेतूल में भी ठिठुरन बढ़ी, लुढ़का पारा

पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवाओं का सीधा असर बैतूल जिले पर भी पड़ रहा है। जिले में सुबह और रात के समय कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, बेतूल का न्यूनतम तापमान भी तेजी से नीचे जा रहा है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। शीतलहर के चलते लोग दिन में भी गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे हैं।

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इन जिलों में शीतलहर का अलर्ट

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

  • तीव्र शीतलहर (Severe Cold Wave): भोपाल, इंदौर, राजगढ़, और उज्जैन संभाग के कुछ जिले।
  • शीतलहर (Cold Wave): बेतूल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, ग्वालियर, और सागर समेत अन्य जिले।

स्कूलों के समय में बदलाव

अत्यधिक ठंड को देखते हुए प्रदेश के कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में स्कूल अब सुबह देर से लग रहे हैं। बेतूल में भी ठंड के तीखे तेवर को देखते हुए अभिभावक स्कूलों का समय बदलने की मांग कर रहे हैं, ताकि छोटे बच्चों को सुबह की गलन भरी ठंड से बचाया जा सके।

  • मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी के कारण अभी ठंड और बढ़ सकती है। अगले 3-4 दिनों तक राहत मिलने के आसार कम हैं। कोहरे (Fog) के कारण विजिबिलिटी भी कम हो सकती है, इसलिए वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

स्वास्थ्य एडवाइजरी (Health Advisory)

  • बच्चों और बुजुर्गों को सुबह-शाम घर से बाहर निकलने से बचें।
  • गर्म पानी पिएं और शरीर को पूरी तरह ढककर रखें।
  • हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

Kunal

विश्लेषक के तौर पर, कुणाल लगभग आठ वर्षों से देश भर की ख़बरों पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं। वह हर घटना का गहन अध्ययन करते हैं, ताकि उसके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रभावों को उजागर किया जा सके।

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