मक्का में करना है जल्द से जल्द खरपतवार नियंत्रण तो इस्तेमाल करे ये खास दवाइयां…

By Alok Gaykwad

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मक्का में करना है जल्द से जल्द खरपतवार नियंत्रण तो इस्तेमाल करे ये खास दवाइयां…खरपतवार मक्के की पैदावार को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. ये तीन तरह के होते हैं – संकरी पत्ती, चौड़ी पत्ती और मोथा ज्वार. ये खरपतवार बीज उगने से पहले ही अंकुरित हो जाते हैं, जिससे मक्के के पौधे को पोषण नहीं मिल पाता और दाने भी कम बनते हैं. इनको खत्म करने के लिए कई तरह की दवाइया बाजार में उपलब्ध हैं. इस न्यूज़ के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कौन सी दवा किस खरपतवार के लिए कारगर है.

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कब और कैसे करें खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव?

आमतौर पर मक्के में खरपतवारनाशक का छिड़काव 15 से 20 दिन के अंतराल पर करना चाहिए. कुछ दवाइयां चौड़ी और संकरी दोनों तरह के खरपतवारों को नष्ट करती हैं, जबकि कुछ सिर्फ एक खास तरह के लिए ही कारगर होती हैं. अपने खेत में मौजूद खरपतवारों के हिसाब से ही दवा का चुनाव करें.

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संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए दवाएं

  • लौडिस (Bayer): इसमें टोपramezone 33.6% SC टेक्निकल होता है. इसकी मात्रा 115 मिलीलीटर प्रति एकड़ इस्तेमाल की जाती है. यह संकरी और चौड़ी दोनों तरह के खरपतवारों को नष्ट करती है. साथ ही साथ 500 ग्राम एट्राजीन भी डाला जाता है.
  • टिनजर (Basf): इसमें टेम्बोट्रायोन 42% SC टेक्निकल होता है. इसकी मात्रा 30 मिलीलीटर प्रति एकड़ ली जाती है. यह मुख्य रूप से संकरी पत्ती वाले खरपतवारों को खत्म करती है, लेकिन कुछ चुनिंदा चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार भी मिटा देती है. इसके साथ कंपनी 500 ग्राम एट्राजीन भी देती है.
  • कैलारिस एक्सट्रा (Syngenta): इसमें मेसो ट्रायोन 2.27% w/w + एट्राजीन 22.7% w/w SC टेक्निकल होता है. इसकी मात्रा 700 मिलीलीटर प्रति एकड़ ली जाती है. यह मक्के के हर तरह के खरपतवारों को खत्म करने में कारगर है.

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए दवाएं

सबसे सस्ती दवा है 2,4-D एमाइन साल्ट 58% SL. इसकी मात्रा 750 मिलीलीटर से 1 लीटर प्रति एकड़ इस्तेमाल की जाती है. आप खेत में मौजूद खरपतवारों की संख्या के हिसाब से इसकी मात्रा कम या ज्यादा कर सकते हैं. अगर खेत में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार कम हैं तो लौडिस (Bayer) या टिनजर (Basf) का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ये चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों को भी मारती हैं.

मोथा ज्वार के लिए दवाएं

मक्के में मोथा ज्वार भी काफी तेजी से फैलता है. इसकी जड़ में गांठ होती है, जिस वजह से इसे खत्म करना मुश्किल होता है. मोथा ज्वार को खत्म करने के लिए सेम्परा (Dhanuka) की 36 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ इस्तेमाल करें. इसमें हालोसल्फ्यूरॉन मिथाइल 75% WG टेक्निकल होता है. यह बाजार में भारत इंसेक्टीसाइड के नाम से भी मिलती है.