Makar Sankranti 2024: कि 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि मे प्रवेश कर रहा है.सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
साल में कुल 12 संक्रांति होती है. इसमें मकर संक्रांति का अपना विशेष महत्व है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. इस बार यह पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन से ही खरमास भी खत्म हो जाता है. मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. मकर संक्रांति पर स्नान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कौन सा है। गुड़ का संबन्ध सूर्य से है. ऐसे गुड़ में काले तिल को मिलाकर लड्डू तैयार करने का मतलब है शनि और सूर्य (पिता और पुत्र) के मधुर संबन्ध से होता है।
स्नान का महत्व
![मकर संक्रांति पर कब करें स्नान? आइये जानते है शुभ मुहूर्त, 1 IMAGE 1704285291](http://betulsamachar.com/wp-content/uploads/2024/01/IMAGE_1704285291-1024x576.webp)
इस दिन से ,दिन बड़ा और रात छोटी होने लग जाती है। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि देवताओँ का दिन,दक्षिणयन को देवताओँ की रात कहा जाता है। इस दिन 9 बजकर 14 मिनट से सूर्यास्त तक लोग गंगा स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पा सकतें है.अक्षय फल प्राप्त होता स्नान करने से ,इस दिन गंगा में स्नान के बाद कम्बल ,तिल ,लड्डू कपडे,चावल आदि का दान करना चाहिए। इससे पितरों का आशीर्वाद भी मिलता हैअगर इस दिन राशि के अनुसार दान करते हैं तो साल भर घर में सुख समृद्धि और खुशहाली बनी रहेगी।
खिचड़ी खाने का महत्व
खिचड़ी कोई का सम्बन्ध सीधे ग्रहों से है इसे भी प्रसाद कहा जाता है. दाल, चावल, घी, हल्दी और हरी सब्जियों से मिश्रण से बनने वाले खिचड़ी का संबंध ग्रहों से होता है। खिचड़ी के चावल को चंद्रमा, नमक को शुक्र, हल्दी को गुरु, हरी सब्जियों को बुध और खिचड़ी के ताप को मंगल ग्रह का कारक माना गया है. मकर संकांति पर बनी काली ऊड़द दाल की खिचड़ी को खाने और दान करने से सूर्य देव के साथ शनि देव की कृपा प्राप्त होती है.मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा बहुत ही पुरानी है.इसे बाबा गोरखनाथजी का प्रसाद माना जाता है इस दिन पतंग को खुशी, आजादी और शुभता का संकेत माना जाता है.इसलिए पतंग भी उड़ाई जाती है।