पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कई पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जिनका मानव जीवन में विशेष महत्व होता है. आज हम आपको उसी तरह के एक चमत्कारी पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे स्वर्ग से धरती पर लाया गया था. ये पौधा माता लक्ष्मी का प्रिय माना जाता है, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अयोध्या में भगवान राम जन्मभूमि पूजन के दौरान इसी पौधे को लगाया था.
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पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के वक्त ये पौधा निकला था. स्वर्गलोक में भी भगवान इंद्र ने अपने स्वर्ग वाटिका में इस पौधे को लगाया था. इस अद्भुत पौधे और इसके फूलों का वर्णन हरिवंश पुराण में मिलता है. इस पौधे का नाम है – पारिजात. आइए जानते हैं इस पौधे के धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व के बारे में.
पारिजात के धार्मिक लाभ
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पारिजात का फूल माता लक्ष्मी और भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय है. पंडित घनश्याम शर्मा जी बताते हैं कि माता लक्ष्मी के व्रत के दौरान अगर आप उन्हें पारिजात का फूल अर्पित करते हैं तो माता लक्ष्मी आप पर प्रसन्न होती हैं. घर में पारिजात का पेड़ लगाने से वास्तु दोष दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है. अगर आप वास्तु के अनुसार पारिजात का पौधा लगाते हैं, तो घर में धन-दौलत की कमी नहीं होती है.
पारिजात के औषधीय गुण
पारिजात का पौधा मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया बुखार को दूर करने में मदद करता है. शोध के अनुसार, पारिजात के पत्तों और छाल का काढ़ा बुखार को तुरंत कम करने में बहुत उपयोगी है. यह डेंगू और चिकनगुनिया में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में भी मदद करता है.
- घाव भरने में मददगार: पारिजात का पौधा घाव को जल्दी भरने में मदद करता है. इसका लेप फोड़े-फुंसियों को ठीक करने में इस्तेमाल किया जाता है.
- शुगर को नियंत्रित करने में सहायक: पारिजात की पत्तियों का काढ़ा पीने से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है. आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है.
- बार-बार पेशाब आने की समस्या में इस्तेमाल: पारिजात के पेड़ की पत्तियों, जड़ों और फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से बार-बार पेशाब आने की समस्या दूर होती है.