Loksabha Election 2024 अगले लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले गठबंधन क्या समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अगले लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे? आज यह सवाल हर कोई कर रहा है। स्वतंत्रता दिवस समारोह से पहले सपा कार्यकर्ताओं की ओर से अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा छेड़ दी गई।
बिहार में राजनीतिक बदलाव के बाद एक वर्ग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का चेहरा
बिहार में राजनीतिक बदलाव के बाद एक वर्ग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाए जाने की बात कर रहा था। इसी बीच यूपी से अखिलेश का नाम सामने आ गया। स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद अखिलेश ने जिस प्रकार से केंद्र पर हमला बोला, उसके मायने साफ थे कि लखनऊ के रास्ते दिल्ली तक का सफर तय करने की तैयारी चल रही है। हालांकि, अब अखिलेश यादव ने इस विषय पर अपना रुख साफ कर दिया है।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले गठबंधन
अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले गठबंधन का एक खाका भी खींच दिया है। राष्ट्रीय राजनीति में सक्रियता के भी संकेत मिलने लगे हैं। साफ होता जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी के पीएम नरेंद्र मोदी की राह को दो तरफ से घेरने की कोशिश होगी। कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए का अलग धरा चलेगा।
2024 का राजनीतिक समीकरण एक बार
वहीं, समाजवादी पार्टी तीसरे धड़े के साथ खड़ी दिख सकती है। ऐसे में 2024 का राजनीतिक समीकरण एक बार फिर उलझता दिख रहा है। बिहार में राजनीतिक बदलाव के बाद माना जा रहा था कि जैसा प्रयोग नीतीश कुमार ने किया, उसी प्रकार का राष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकता है। मतलब, तमाम राजनीतिक पार्टियां भाजपा को एक बार फिर सत्ता में लौटने से रोकने के लिए एक छतरी के नीचे आ सकती है।
अखिलेश ने गिना दिए तीन नाम
अखिलेश यादव ने एक इंटरव्यू में साफ किया है कि उनका फोकस यूपी है। यूपी में 80 लोकसभा सीटें हैं। इन सीटों पर जीत का पलड़ा जिसकी तरफ झुकेगा, वही दिल्ली की सत्ता पर काबिज होगा। इतना तय है। अखिलेश को उम्मीद है कि अगले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी यूपी में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प के रूप में खड़ी होगी।
यूपी चुनाव में सपा ने इसी प्रकार से मुकाबला को दो ध्रुवीय बनाने की कोशिश की। चुनावी मुकाबले से प्रदेश में ताकतवर रही पार्टियां बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पिछड़ती नजर आई। लेकिन, उसका फायदा सपा को नहीं मिल पाया। लोकसभा उप चुनाव में एक बार फिर बसपा का उभार आजमगढ़ में दिखा। सपा के लिए ये संकेत शुभ नहीं हैं।
अखिलेश यादव भाजपा के खिलाफ माहौल
ऐसे में अखिलेश यादव भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिशों में जुट गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने रणनीति तैयार करने वाले तीन नेताओं पर सारा दारोमदार छोड़ दिया है। ये तीन नेता हैं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी। सपा अध्यक्ष ने राष्ट्रपति चुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के निर्णय के साथ खड़ा होकर साफ कर दिया है कि ममता बनर्जी के फैसलों को वे मानेंगे।
नीतीश के लिए बढ़ेगी चुनौती
हाल के समय में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के विपक्ष का पीएम उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर चर्चा काफी तेज रही है। नीतीश की पलटमार पॉलिटिक्स की वर्ष 2017 में अखिलेश ने काफी आलोचना की थी। हालांकि, उनकी ताजा पलटी ने उन्हें भरोसा दे दिया है। इसके बाद भी नीतीश कुमार अभी बिहार में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के सहयोग वाली सरकार चला रहे हैं।
वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व
कांग्रेस लगातार कहती रही है कि वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। ऐसे में राजद उनका साथ नहीं छोड़ेगी। नीतीश कुमार का टाइम तभी आएगा, जब राहुल गांधी खुद को पीएम उम्मीदवारी की रेस से अलग कर उनके नाम की घोषणा कर दें। वहीं, शरद पवार, केसीआर और ममता बनर्जी, किसके नाम पर एकमत होते हैं, देखना होगा। अखिलेश को भी इसमें मौका मिलने की उम्मीद है ही।
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का विकल्प तैयार
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा का विकल्प तैयार करने में सपा की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव कहते हैं कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार विकल्प तैयार करने पर काम कर रहे हैं। इस वक्त हमारा ध्यान उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने पर है। हालांकि, उनके निशाने पर भाजपा से लेकर चुनाव आयोग तक है।