खेतों की फेंसिंग करवाने सरकार देंगी सब्सिडी, ऐसे करे आवेदन

By charpesuraj4@gmail.com

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खेतों की फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए राजस्थान कृषि अवसंरचना मिशन के तहत कृषि विभाग सब्सिडी दे रहा है. सब्सिडी का लाभ लेकर किसान अपने खेतों की चारों ओर बारबेड वायर या चेन लिंक फेंसिंग करवा सकते हैं.

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जिला कृषि विभाग (विस्तार) के संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी ने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए जिले को बारबेड/चैन लिंक फेंसिंग योजना के लिए कुल 17 लाख मीटर लंबाई का लक्ष्य आवंटित किया गया है. इन लक्ष्यों को कृषि पर्यवेक्षक मुख्यालयों को आवंटित कर जिले के किसानों को योजना का लाभ दिया जाएगा.

सहायक निदेशक भैराराम गोदारा ने बताया कि योजना में किसानों की सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए, यदि कम से कम 10 किसान एक समूह में मिलकर 5 हेक्टेयर (20 बीघा) भूमि में बाड़ लगाते हैं, तो सभी किसानों को अधिकतम 400 मीटर की लंबाई के लिए सत्तर प्रतिशत सब्सिडी राशि की दर से ₹56 हजार प्रति किसान सब्सिडी मिलेगी. व्यक्तिगत/समूह में एक स्थान पर परिधि में न्यूनतम 1.5 हेक्टेयर (6 बीघा) भूमि की फेंसिंग करने पर लघु-सीमांत किसानों को ₹48 हजार और सामान्य किसानों को ₹40 हजार की अधिकतम सब्सिडी 400 मीटर की लंबाई के लिए दी जाएगी.

ऑनलाइन पोर्टल पर करना होगा आवेदन

कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने बताया कि फेंसिंग पर सब्सिडी के लिए इच्छुक और पात्र किसान को प्रस्तावित भूमि की परिधि का नवीनतम प्रमाणित संयुक्त मानचित्र, नक्शा और जमाबंदी तथा जनआधार कार्ड, लघु-सीमांत प्रमाण पत्र लेकर निकटतम ई-मित्र केंद्र से या स्वयं द्वारा राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके बाद फाइलों की प्राथमिकता के आधार पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा सकती है.

सब्सिडी राशि सीधे किसान के बैंक में होगी ट्रांसफर

उन्होंने बताया कि खेतों की फेंसिंग करते समय किसानों को व्यक्तिगत या समूह में 15 फीट की दूरी पर खंभे लगाकर 5 बारबेड वायर और 2 चेन लिंक के तार लगाने चाहिए या फिर चेन लिंक नेट भी लगा सकते हैं. लोहे और सीमेंट के खंभों को बचाने के लिए जमीन में पीसीसी करना जरूरी है. फेंसिंग पर खर्च की गई राशि के सभी बिल किसानों को संभाल कर रखने होंगे. कार्य पूरा होने के बाद संबंधित कृषि पर्यवेक्षक द्वारा राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन कार्य का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. सब्सिडी राशि का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा.