Education Loan लेने से पहले रखे इन बातो का ध्यान! कही बाद में पछताना न पड़ जाये, आजकल बच्चों की शिक्षा पर काफी खर्च होता है. खासकर उच्च शिक्षा के लिए पर्याप्त धन जमा करना एक आम मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बहुत मुश्किल काम हो गया है. ऐसे में ज्यादातर माता-पिता शिक्षा ऋण लेने का ही सहारा लेते हैं. बच्चों की पढ़ाई के खर्च को पूरा करने के लिए शिक्षा ऋण एक बहुत बड़ी मदद है, लेकिन कई बार बैंक से लिया गया पैसा चुकाने में हमें परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसलिए शिक्षा ऋण लेने से पहले बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए. शिक्षा ऋण आपके सिर पर बोझ न बन जाए, इसके लिए इस लोन को लेने से पहले कुछ बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए.
जल्दबाजी में और बिना सही जांच-पड़ताल के अगर आप लोन ले लेते हैं, तो भविष्य में आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. सोच-समझकर और अच्छी रिसर्च करने के बाद लोन लेने का फायदा ये होगा कि आपको न सिर्फ कम ब्याज चुकाना होगा, बल्कि लोन चुकाने में भी कोई समस्या नहीं आएगी.
Education Loan लोन की राशि का सावधानीपूर्वक निर्धारण
किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने में कई तरह के खर्च शामिल होते हैं. इसमें कोर्स फीस, हॉस्टल या रहने का खर्च, किताबें, लैपटॉप आदि पर लगने वाला खर्च शामिल है. इसलिए लोन लेने से पहले इन सभी जरूरी खर्चों को जोड़ लेना चाहिए. खर्चों को शामिल किए बिना लोन के लिए अप्लाई करना समझदारी नहीं है, क्योंकि इससे आगे की पढ़ाई के लिए पैसा कम पड़ सकता है.
Education Loan सही रीपेमेंट पीरियड का चुनाव
कोर्स की अवधि के अलावा बैंक लोन चुकाने के लिए एक साल का अतिरिक्त मोहलत समय (moratorium period) भी देते हैं. जब आप EMI चुकाना शुरू करते हैं, तो आपको 15 साल की रीपेमेंट पीरियड मिलती है. ब्याज उसी दिन से लगना शुरू हो जाता है, जिस दिन आपको लोन मिल जाता है. बैंक मोहलत अवधि को दो साल और बढ़ा भी सकता है. लोन लेते समय इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए रीपेमेंट पीरियड का चुनाव करना चाहिए.
Education Loan ब्याज की जानकारी
शिक्षा ऋण पर लगने वाली ब्याज दरें कोर्स, संस्थान, पिछले शैक्षणिक प्रदर्शन, क्रेडिट स्कोर और छात्र/सह-आवेदक की जमानत जैसे कारकों पर निर्भर करती हैं. अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज दरों में भी अंतर होता है. इसलिए लोन लेने से पहले सभी बैंकों की ब्याज दरों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए