कामधेनु साबित हो सकती है इस नस्ल की गाय , 900 से 1200 किलो दूध देती है , जानिए इसकी खासियत, हमारे देश में हर क्षेत्र में अलग अलग किस्म की गायों का पालन किया जाता है , हर राज्य की जलवायु के और उनके खानपान के अनुसार उनके दूध देने की क्षमता होती है। देसी नस्ल की गाय पालने के लिए ज्यादातर किसान साहीवाल, गिर, लाल सिंधी और थारपार पर ही जोर देते हैं लेकिन हमारे देश में कई ऐसी गायों की नस्लें हैं, जिनमें प्रतिकूल परिस्थितियों में दूध देने की क्षमता अधिक होती है। यंहा हम आपको एक ऐसी नस्ल की गाय के बारे बताने वाले है जो आपके लिए कामधेनु से कम नहीं होगी। इस गाय का नाम गंगातीरी (Gangatiri Cow) है। गंगातीरी और हरियाणा नस्ल की गाय। इन गायों के कम खान-पान पर भी दूध देने की क्षमता घटती नहीं है।
आपो बता दे की गंगातीरी गाय की दूध देने की क्षमता अच्छी होती है. वहीं, गंगातीरी गाय का पालन ज्यादातर यूपी और बिहार में किया जा सकता है. गंगातीरी नस्ल की गायें 8 से 16 लीटर तक दूध देती हैं. इसके नर पशु सबसे अच्छे भार वाहक होते हैं इसलिए इनके बैलों का प्रयोग खेती के काम में किया जाता है। उत्तर प्रदेश के बाबूगढ़ और हस्तिनापुर प्रक्षेत्र में इनकी संख्या बढ़ाने के लिए काम भी किया जा रहा है। गंगातीरी नस्ल की गाय ज़्यादातर उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, गाज़ीपुर, वाराणसी और बलिया जिलों में और बिहार के कुछ जिलों में पाई जाती है. इस नस्ल की गायें काफी दुधारू होती हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश के बलिया और गाजीपुर तथा बिहार के रोहतास और शाहबाद जिले इसके उद्गम स्थल हैं. वहीं गंगातीरी नस्ल की गायें सफेद या भूरे रंग की होती हैं. माथा उभरा हुआ, सीधा और चौड़ा होता है. पलकें, थूथन, खुर और पूंछ आम तौर पर काले रंग का होता है. ऐसे में आइए आज गंगातीरी गाय की कीमत, पहचान और विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानते हैं-
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गंगातीरी गाय की कीमत

आमतौर पर गायों की कीमत उम्र, नस्ल, स्थान और दूध देने की क्षमता के आधार पर किया जाता है. वहीं, यूपी में गंगातीरी गाय की कीमत/Gangatiri Cow Price 40 हजार रुपये से लेकर 60 हजार रुपये तक है. वहीं कुछ राज्यों में इस गाय की कीमत कम या ज्यादा भी हो सकती है.
गंगातीरी गाय की पहचान

- गंगातीरी नस्ल की गायें सफेद या भूरे रंग की होती हैं.
- गंगातीरी गाय की थूथन और आंखें काली होती हैं.
- दोनों सिंघें छोटे, नुकीले और दोनों ओर फैले हुए होते हैं.
- कान नीचे की ओर झुके हुए होते हैं.
- पूंछ लंबी और काली होती है.
- गाय और बैल दोनों के सींग होते हैं.
- प्रौढ़ बैलों के शरीर की औसत ऊंचाई कंधों पर लगभग 142 सेमी और गायों की लगभग 124 सेमी होती है.
- प्रौढ़ बैलों का वजन 340-400 किलो और गायों का वजन 235-250 किलो होता है.
गंगातीरी गाय की खासियत

- गंगातीरी गाय लगभग 900 से 1200 किलोग्राम तक दूध दे सकती है.
- गंगातीरी गाय के दूध में फैट लगभग 4.9 प्रतिशत होता है. जो 4.1 से 5.2 प्रतिशत तक भी हो सकता है.
- आमतौर पर ये प्रतिदिन 8-16 लीटर तक दूध देती हैं.
- गंगातीरी दोहरे उद्देश्य वाली नस्ल है.
गंगातीरी गाय की नस्ल उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा

उत्तर प्रदेश पशुधन विकास बोर्ड (UPLDB) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. नीरज गुप्ता के अनुसार, “गंगातीरी नस्ल की गाय विशुद्ध देसी नस्ल की गाय है. इस नस्लें की गायें उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों और बिहार के जिलों में पाई जाती हैं. वहीं यूपी में इस नस्ल को बढ़ावा देने के लिए वाराणसी जिले में संवर्धन का काम किया जा रहा है. साथ ही सीमन प्रत्यारोपण का भी काम किया जा रहा है. अगर दूध देने की क्षमता की बात करें तो गंगातीरी नस्ल की गायें औसतन 8 से 16 लीटर तक दूध देती हैं. वहीं यूपी में इनकी संख्या 2 से 2.5 लाख है. जबकि, कीमत 40 से 60 हजार रुपये तक है.”