Pumpkin Farming: कद्दू की इस किस्म की खेती चमकाएगी किसानों की किस्मत, प्रति एकड़ देगी 222 क्विंटल तक का उत्पादन, जाने डिटेल. कद्दू बरसात के मौसम में उगाई जाने वाली फसल है, भारत हलवा कद्दू के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है. यहाँ के किसान बड़े पैमाने पर कद्दू की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा रहे है। देशवाशियो की एक लोकप्रिय सब्जी है कद्दू उपयोग खाना पकाने और मिठाइयां आदि बनाने में किया जाता है. साथ ही इसमें विटामिन ए और पोटाश का अच्छा स्रोत पाया जाता है. हलवा कद्दू का उपयोग आंखों की रोशनी बढ़ाने, निम्न रक्तचाप के लिए किया जाता है और यह एक एंटीऑक्सीडेंट है.अगर आप भी कद्दू की खेती से अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, आज हम आपको हलवा काद्दु की PPH-2 किस्म की बारे में बताने जा रहे एकड़ खेत में 222 क्विंटल तक का उत्पादन देती है। आइये जानते है इसकी खेती के बारे में। ..
कद्दू की खेती करने उपयुक्त समय

देश में वर्षा ऋतु में कद्दू की खेती अच्छी मानी जाती है.कद्दू की बुआई के लिए जून-जुलाई और फरवरी-मार्च का महीना काफी उपयुक्त माना गया है. गर्मी का मौसम कद्दू के पौधों के विकास के लिए अच्छा माना जाता है, जबकि पाला फसल के लिए हानिकारक होता है.कद्दू के पौधों को फूल आने के दौरान ज्यादा बारिश की जरूरत नहीं होती. क्योंकि इससे फूल खराब होने का खतरा रहता है. इन दिनों में अगर आप कद्दू की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से होगा जबरदस्त उत्पादन।
हलवा कद्दु की PPH-2 किस्म प्रति एकड़ देती है 222 क्विंटल का उत्पादन

पीपीएच-2 (PPH-2) कद्दू की बहुत जल्दी पकने वाली किस्म है. इसकी बेल ऊँचाई में छोटी होती हैं और पत्तियाँ गहरे हरे रंग की होती हैं. इसके फल छोटे और गोल आकार के होते हैं. इसके फल कच्चे होने पर हरे रंग के होते हैं, जो पकने पर नरम और भूरे रंग के हो जाते हैं. फल का गूदा सुनहरे पीले रंग का होता है. अगर आप इसकी खेती को बेहतर तरीके से करते है तो वह एक एकड़ में लगभग 222 क्विंटल का उत्पादन देती है। जो किसानो की आय बढ़ाने में सहायता करती है।
कद्दू की इस किस्म की खेती चमकाएगी किसानों की किस्मत, प्रति एकड़ देगी 222 क्विंटल तक का उत्पादन, जाने डिटेल
कद्दू की अधिक उत्पादन देने वाली लोकप्रिय किस्में
- देश के किसानो के बिच सबसे चर्चित और लोकप्रिय कद्दू की किस्म है पीएयू मगज़ कद्दू-1 (PAU Magaz Kardoo-1),
- पीपीएच-1 (PPH-1),
- पंजाब सम्राट, CO2 (CO2),
- CO1,
- अर्का सूर्यमुखी,
- पूसा विश्वेश,
- TCR 011,
- अंबिल्ली और
- अर्का चंदन हलवा कद्दू की महत्वपूर्ण किस्में हैं.
कद्दु की खेती करते समय इन बातो का रखे खास ध्यान

कद्दु की खेती के लिए किसान भाइयों को हमेशा सतर्क रहने की आवश्यकता है. क्योंकि इसमें कई तरह के रोग लग जाते हैं, सफेद कवक इस रोग से प्रभावित पौधे के मुख्य तने और पत्तियों की ऊपरी परत पर सफेद धब्बे दिखाई देते हैं. इसके कीट पौधे का उपयोग भोजन के रूप में करते हैं. इस रोग के अधिक आक्रमण से पत्तियाँ गिरने लगती हैं तथा फल समय से पहले पक जाते हैं. यदि इसका आक्रमण दिखाई दे तो 20 ग्राम पानी में घुलनशील सल्फर (सल्फर 20 ग्राम) को 10 लीटर पानी में मिलाकर 10 दिन के अंतराल पर 2-3 बार छिड़काव करें. इससे आपकी फसल में कीड़े नहीं लगेंगे और आपको बेहतर उत्पादन होगा।